सपने - Novels
by सीमा बी.
in
Hindi Fiction Stories
आस्था एक 21साल की खूबसूरत लड़की है, जो इलाहाबाद (प्रयागराज) से English (Hons) करके अपने पापा के कहने पर सरकारी नौकरी के लिए पेपर दे रही है, उसके पापा श्री विजय कुमार सक्सेना जी चाहते हैं कि वो अपनी भाभी निकिता की तरह बैंक की नौकरी करे या आगे M.A B.ed करके टीचर की नौकरी पा जाए, तो फिर उसकी शादी किसी सरकारी नौकरी वाले लड़के से शादी करके अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति पा जाएँ, यही तो हर मिडिल क्लॉस फैमिली की सोच होती है.....! खैर आस्था की अपनी अलग ही सोच है...वो शादी नामक अत्याचार से अभी वो दूर रहना चाहती है, वो स्कूल से ले कर कॉलेज तक हर कल्चर्ल प्रोग्राम का हिस्सा बनती आयी है और जीतती आयी है, वो तो किसी थियेटर को जॉइन करने का फार्म लायी थी, जो विजय जी ने फालतू की नौटंकी कह कर फाड़ कर फैंक तो दिया ही साथ में उसे दिल से ड्रामा जैसे वाहियात ख्याल निकालने का आदेश भी दे दिया.......पर आस्था को पापा की ये तानाशाही पसंद नहीं आ रही थी।
सपने.......(भाग-1)आस्था एक 21साल की खूबसूरत लड़की है, जो इलाहाबाद (प्रयागराज) से English (Hons) करके अपने पापा के कहने पर सरकारी नौकरी के लिए पेपर दे रही है, उसके पापा श्री विजय कुमार सक्सेना जी चाहते हैं कि वो अपनी ...Read Moreकी तरह बैंक की नौकरी करे या आगे M.A B.ed करके टीचर की नौकरी पा जाए, तो फिर उसकी शादी किसी सरकारी नौकरी वाले लड़के से शादी करके अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति पा जाएँ, यही तो हर मिडिल क्लॉस फैमिली की सोच होती है.....! खैर आस्था की अपनी अलग ही सोच है...वो शादी नामक अत्याचार से अभी वो दूर रहना
सपने.......(भाग-2)हमेशा बाहर जींस, कुरते और घर में टी शर्ट और लोअर में बेफिक्र सी रहने वाली आस्था को पापा ने सीधा साड़ी पहनने को कह दिया था.....आस्था ने मना करना चाहा पर माँ ने मिन्नत करके थोड़ी देर के ...Read Moreसाड़ी पहनने को मना ही लिया....आस्था भी क्या करती ? मान ली सबकी बात.....हल्के फिरोजी रंग की प्लेन साड़ी और नेवी ब्लू रंग के बार्डर वाली साड़ी पहन कर तैयार हो गयी, बालों को खुला रख लिया और गले में भाभी ने एक छोटा सा सेट पहना दिया और हो गयी आस्था तैयार.....मेकअप के नाम पर हल्की सी लिपस्टिक और
सपने.....(भाग-3)आस्था के सिर पर लटकी शादी की तलवार पूरी तरह से हटी तो नही थी, पर शायद कुछ दिन का ब्रेक मिल गया है, इस बात को आस्था बखूबी समझती थी।सूरज कुमार नाम का खतरा ही टला है बस, ...Read Moreख्याल आस्था को जागने और शादी के झंझट से कुछ साल दूर रहने का उपाय सोचने के लिए उसके दिलो दिमाग में खींचतान चल रही थी......जब सोचते सोचते थक गयी तो अपनी सहेली स्नेहा माथुर का ख्याल आया और मुस्कुरा कर सोने की कोशिश करने लगी.....पर सोने से पहले स्नेहा को मैसेज करना नहीं भूली। सुबह नाश्ता करके उसके घर
सपने......(भाग-4)विजय जी की नयी खोज शेखर त्रिवेदी वैसे तो लखनऊ में जॉब करते हैं और वहीं के रहने वाले हैं, पर यहाँ उनके चाचा जी रहते हैं, वो विजय जी के दोस्त हैं। रमेश जी को जब विजय जी ...Read Moreअपनी चिंता बतायी तो उन्होंने झटपट अपने भतीजे का रिश्ता प्लेट में परोस दिया। विजय जी के कहने पर रमेश जी ने अपने भतीजे को एक दिन अपने पास बुलाया और उनसे मिलवा दिया। विजय जी को उसके बात करने का ढंग भा गया........लड़के की दोनों बहनों की शादी हो गयी थी। पिता उसके डॉक्टर हैं और माताजी कॉलेज में
सपने.....(भाग-5)"आस्थू तूने कुछ तो कारास्तानी की है, जो शैतानों जैसे मुस्कुरा रही है".....कमरे में आते ही स्नेहा ने दरवाजे को लॉक करते हुए पूछा......आस्था जवाब न दे कर बस मुस्करा रही थी। "अब बस कर मुस्कराने की और मुझे ...Read Moreक्या माजरा है"? "ओ मेरी नेहु आज मैंने उस लड़के को सब सच बता दिया कि मुझे शादी नहीं करनी, मुझे थियेटर और फिल्मों में काम करना है"..... स्नेहा उसकी बात सुन कर थोड़ी परेशान हो गयी," यार आस्थू सच कह देना तो अच्छी बात है, पर अगर उन लोगो ने तेरे पापा को सब बता दिया तो तुझे बताने
सपने......(भाग-6)आस्था को खुशी के मारे सुबह 3 बजे के बाद ही नींद आयी......और 8 बजे उठ भी गयी। रात को निखिल भाई ने जो मौके पर चौका मारा है, उसके लिए थैंक्यू कहना तो बनता है, बस यही सोच ...Read Moreचाय पीते हुए निखिल के पास जा कर बैठ गयी, "थैंक्यू भाई पापा को मनाने के लिए"! आस्था की बात सुन कर चिढाते हुए बोला," अब तो मैंने कर दिखाया, उस दिन कैसे कह रही थी, तुमसे न हो पाएगा"!! कोई और दिन होता तो निखिल से उलझ पड़ती ,पर इस बार उसके चिढाने को नजरअँदाज करके बोली," हाँ भाई
सपने......(भाग-7)इलाहाबाद से "प्रयागराज ट्रेन" सबसे बढिया है दिल्ली के लिए......ट्रैन में बैठते ही आस्था के मन के घोड़े अपनी पूरी स्पीड के साथ इधर उधर भागने लगे....माँजी मैं यहाँ बैठ जाऊँ कुछ देर? मेरी सीट ऊपर है, मैं अभी ...Read Moreजगह चला जाऊँगा....एक लड़के की आवाज ने आस्था को सपनो से निकाल दिया। एक 23-24 साल का पतला दुबला और सावंला सा लड़का, जिसका मुँह आस्था को दशहरी आम जैसा लगा वो अपना बैग संभाले अनिता जी के जवाब का इंतजार कर रहा था....."हाँ बेटा बैठ जाओ"....निखिल ऊपर लेटा हुआ था। आस्था और अनिता जी दोनो की सीट नीचे थी....वो
ये पार्ट गलत प्रकाशित हो गया है । माफी चाहती हूँ। इसके डिलीट करने का आप्शन नही मिला मुझे
सपने......(भाग-8)आस्था के एडमिशन और हॉस्टल की बाकी सब फॉर्मेलिटिज पूरी करके, उसे हॉस्टल में रहने के लिए जरूरी सामान खरीदवा कर तीसरे दिन निखिल और अनिता जी वापिस चले गए....ढेर सारी हिदायतों के साथ.......एक कमरे को 3 लड़कियों ने ...Read Moreकरना है तो आस्था ने उन तीनों लड़कियों से दोस्ती करने की कोशिश पहले दिन से ही शुरू कर दी। एक नयी जगह पर आ कर रहना, अनजान लोगो के बीच में रहना आसान किसी के लिए भी नहीं होता....पर शायद वहाँ आने वाले सब इस बात से वाकिफ थे, तभी आपस में जल्दी ही घुलमिल गए। अलग अलग राज्यों
सपने......(भाग -9)आस्था अपने हॉस्टल पहुँच कर भी पूरे दिन के बारे में सोच रही थी, कितनी जल्दी बीत गया पता ही नहीं चला.....उसने फ्रेश हो कर पहले घर पर बात की उसके बाद स्नेहा को फोन किया। आस्था का ...Read Moreका नियम था दिन में एक बार घर और स्नेहा से बात जरूर कर लेती थी.....! स्नेहा से पूरे दिन की बातें करके उसकी सारी थकान उतर गयी। आस्था खुश हो रही थी कि एक ही दिन में दो नए दोस्त बन गए.....श्रीकांत काफी सिंपल सा लड़का लगा और आदित्य की ब्रैंडेड कपड़े, जूते और मंहगा फोन और लंबी कार
सपने.........(भाग-10)आदित्य और श्रीकांत के जाने के बाद आस्था कुछ उदास हो गयी थी, उसने काफी देर स्नेहा से बात की तो थोड़ा ठीक हो गया था उसका मन.......पढाई के साथ मस्ती भी करते रहते थे सब.....आस्था ने अपनी एक ...Read Moreजगह बना ली थी टीचर्स और दोस्तों के दिलो में...... हँसी मजाक पढाई, वर्कशॉप सब कामों में वो बढ चढ कर हिस्सा लेती। आस्था संडे को भी बिजी रहने लग गयी थी। दोस्ती सबसे हो गयी तो एक ग्रुप बन गया था। फिर तो बाहर घूमने का प्रोग्राम बन ही जाता। कई बार घर भी चली जाती थी....और कभी घर
सपने........(भाग-12) आस्था की खुशियों का ठिकाना नहीं था, पर दूसरी तरफ उसके पापा विजय जी को लग रहा था कि उनकी बेटी अपने सपनो के पीछे दौड़ तो रही है, पर दुनिया और उसमें रहने वाले लोग उतने ...Read Moreनहीं है जितना उनकी प्यारी बेटी सोच रही है.......ये सब सोच कर वो परेशान तो थे पर फिर भी आस्था की खुशी में खुश हो रहे थे या फिर खुश होने का दिखावा कर रहे थे!! निखिल और निकिता दोनो ही आस्था को सपोर्ट कर रहे थे....... शायद हर लड़की के माँ बाप की तरह आस्था के मम्मी पापा भी
सपने.....(भाग-13) आस्था ने आदित्य और श्रीकांत को सरप्राइज देना था इसलिए उसने उनको नहीं बताया अपने मुंबई जाने की बात.......निकिता ने अपनी एक कजिन का एड्रेस और नं दिया था, कभी कोई जरूरत हो तो जा सकती है ...Read Moreअपनी कजिन को भी बता दिया था आस्था के बारे में......मुंबई पहुंच कर वहाँ से टैक्सी ले कर जो होटल बताया गया था वहाँ पहुँच गयी। मैनेजर ने उसे बताया कि वो रेस्ट करे शाम को डिनर पर सर मिलेंगे....। उधर आदित्य और श्रीकांत तो पहले ही पहुँच गए थे। अगले दिन आदित्य ऑफिस चला गया फार्मेलिटिज पूरी करने और
सपने......(भाग-14 राजशेखर आदित्य की बात सुन कर उस समय तो मुस्कुरा दिया और बोला, "मेरी अम्मां सुबह उठ कर पूजा किया करती थी, उनकी डेथ के बाद मेरे अप्पा सुबह 5 बजे ही पूजा करने के बाद ही ...Read Moreऔर काम करते थे। मैं जब यहाँ आ रहा था तो उन्होंने मुझे रोज पूूजा जरूर करने का प्रॉमिस लिया था। मैं पहली बार घर से दूर यहाँ आया हूँ तो मुझे होटल के रूल्स नहीं पता थे और न ही फायर अलार्म बजने का आइडिया था, सुबह सुबह सब मेरी वजह से डिस्टर्ब हो गया, मुझे अच्छा नहीं लगा।
सपने.........(भाग-15) आस्था और सोफिया ने नाश्ता किया साथ ही बातें करते करते जान पहचान भी हो रही थी।सोफिया अपनी पढाई खत्म करके अपने पापा के साथ फ्लोरिस्ट की शॉप चला रही है। उसकी मॉम और एक छोटा भाई ...Read Moreहै। भाई सैम अभी कॉलेज में पढता है और उसकी मॉम एक स्कूल में म्यूजिक टीचर हैं। आस्था मन में सोच रही थी, कितने एडवांस होते हैं बडे शहरों में रहने वाले लोग.......कल से यहाँ है और घर से एक फोन भी नहीं आया। अगर मैं इलाहाबाद में ऐसे स्नेहा के घर कभी रूक जाती हूँ तो कितने ही फोन
सपने........(भाग-16) अगली सुबह सबने एक साथ नाश्ता किया, नवीन भी स्टूडियो के चक्कर लगाया करता है तो वो भी तैयार हो रहा था......"नवीन मुझे तुम अपनी मम्मी या बहन का एकाउंट नं. देना यार"! आदित्य ने नवीन को ...Read Moreतो नवीन थोड़ा हकलाते हुए बोला, "क्यों, क्या हुआ"? रिलैक्स यार कुछ हुआ नहीं है, पर कल रात को तुम परेशान थे कि बिना पैसों के घर कैसे चल रहा होगा तो मैं सोच रहा हूँ," जब तक तुम ढंग से कमाने नहीं लगते तब तक हर महीने 10,000 उनके एकाउंट में डाल दूँगा......जब तुम्हारे पास पैसे आ जाएँगे तो
सपने......(भाग-17)सुबह आस्था कि जब नींद खुली तो सब अपने अपने काम पर चले गए थे......आस्था ने टाइम देखा तो घड़ी 11 बजा रही थी। जल्दी से नहा कर आयी और तब तक सविताने सैंडविच और जूस टेबल पर रख ...Read Moreतुमने नाश्ता कर लिया? नहीं दीदी बस अब करूँगी, चलो तुम भी ले आओ अपना नाश्ता आज साथ करते हैं.........!नाश्ता करते करते सविता ने कहा," दीदी आप तो कभी पीती नहीं थी, फिर रात को कैसे पूरी बोटल पी ली"? आस्था को भी याद आ गयी रात की बात और बोली......"मैं बहुत खुश थी न और फिर तुम सब मेरे
सपने......(भाग-18)नवीन के गानों ने बर्थडे पार्टी को यादगार बना दिया था मिस्टर एंड मिसेज रेड्डी के लिए और उनके दोस्तों के लिए भी....सब धीरे धीरे डिनर करने के लिए जा रहे थे......सबसे बड़े प्यार से मिसेज रेड्डी राजशेखर को ...Read Moreलोगो से मिलवा रहीं थी "हमारा बेटा" कह कर.....! सब राजशेखर और उसके दोस्तों की तारीफ कर रहे थे.......फिर बारी आयी मिस्टर रेड्डी के लिए कुछ न कुछ कहने के लिए....सब दोस्त कोई न कोई स्पेशल बात या कोई शरारत जिससे मिस्टर रेड्डी जुडे हुए थे.....वो बता रहे थे। फिर बारी आयी राजशेखर की....उसे तो कुछ समझ ही नहीं आया
सपने.......(भाग-19)सुबह सब टाइम पर तैयार हो गए....और मैनेजर को चेक आउट के लिए रिसेप्शन पर बता दिया.......राजशेखर बिल्कुल ठीक टाइम पर आ गया था......बिल क्लियर करने के बाद सब राजशेखर के घर पहुँच गए.....!आदित्य ने जो घड़ी मिस्टर रेड्डी ...Read Moreदी थी, वो उन्होंने पहन रखी थी। मि.रेड्डी ने आदित्य को इतनी सुंदर घड़ी गिफ्ट करने के लिए थैंक्यू बोला......SWATCH कंपनी की घड़ी थी तो मँहगी होनी ही थी........ खाना खाने के बाद वो सब लोग बाहर घूमने चले गए ये सोच कर की घर बैठे रहेंगे तो नींद आ जाएगी और सोना वो चाहते नहीं थे.......शाम को मौसम भी
सपने.........(भाग-20)2 दिन बाद वो अपने घर होगी पर बात सोच सोच कर ही आस्था को नींद नहीं आ रही थी.....पहले तो जाने का खास मन नहीं था, पर अब जब जाने में 2 दिन ही बचे हैं तो उसे ...Read Moreदो दिन भी ज्यादा लग रहे हैं.......स्नेहा से मिल कर उससे बातें करना, और 2 दिन सबके लिए कुछ न कुछ लेने में बीत जाएँगे, पता ही नहीं चलेगा....यही सब सोचते सोचते ही वो सो गयी.........उधर राजशेखर सुबह उठा तो उसने पक्का सोच लिया था कि वो आस्था से अपनी दिल की बात कहने में देर नहीं करेगा.....शाम को आ
सपने........(भाग-21)आस्था की बात सुन कर बाकी सब भी और पीने के मूड में आ गए......! देर रात तक पार्टी करके सब सोने चले गए......सोफिया भी आस्था के रूम में सोने चली गयी.....कीफी देर तक दोनो नचिकेत के बारे में ...Read Moreबात करती रहीं.....सोफिया को नचिकेत में आस्था का राइट मैन नजर आ रहा था, पर आस्था अपनी उसी बात पर अड़ी हुई थी कि वो नचिकेत को प्यार नहीं करती...वो उसकी दिल से इज्जत करती है.......! राजशेखर बहुत इमोशनल हो रहा था, श्रीकांत से उसकी अच्छी जमती है.....तो वो उसके ही कमरे में चला गया......"श्री यार आज मैं तेरे रूम
सपने........(भाग-22)अगली सुबह आस्था जल्दी उठ गयी क्योंकि सुबह वो जाने से पहले सब से मिल कर जाना चाहती थी....... रात को ही बात हो गयी थी कि वो एयरपोर्ट टैक्सी ले कर चली जाएगी कोई भी अपने काम से ...Read Moreनही लेगा....! नाश्ता करके आस्था टाइम से निकल गयी। नवीन उसे टैक्सी में बिठा दिया.......! आस्था ने चलते चलते नवीन को फिर याद दिलाया कि, "उसे कल नचिकेत से मिलने जाना है....उसे टाइम पर वहाँ पहुंचना पड़ेगा क्योंकि नचिकेत टाइम का पाबंद है"......! "तुम बेफिक्र हो कर जाओ, मैं कल वहाँ टाइम से पहले ही पहुँच जाऊँगा"। नवीन की बात
सपने----- (भाग-23)आदित्य आस्था को घर छोड़ कर ऑफिस चला गया......रेलवे स्टेशन से ले कर घर पहुँचने तक वैसे भी आस्था बहुत कुछ बता चुकी थी और दोनो से पूछ भी चुकी थी.......!नवीन को नचिकेत ने अपनी दीदी से मिलवा ...Read Moreथा, और एक - दो दूसरे मयूजिक डायरेक्टर्स से वो मिल चुका था.......सबसे पहला ब्रेक उसे अरूणा दत्ता ने दिया है.....!अपनी एक शार्ट मूवी में उसे गाना गाने का....इस वजह से वो बहुत खुश था कि चलो कहीं तो काम मिला.......कुछ दिनो में उसका गाना रिकार्ड होने वाला है......नचिकेत का तो वो फैन ही हो गया है.......आस्था नवीन के लिए
सपने......(भाग-24)आदित्य यूँ उठ कर कभी जाता नहीं, वो तो हमेशा इंतजार करता है सबका खाना खत्म होने के बाद......फिर कुछ देर सब टी.वी देखते हैं या बातें करते रहते हैं.......सब उसके ऐसे जाने से हैरान थे.........पर कोई कुछ नहीं ...Read Moreसबका खाना हो जाने के बाद नवीन उठ कर आदित्य के रूम में चला गया उसे बाहर बुलाने के लिए.......आदित्य ने मना कर दिया तो नवीन उसके कमरे में चला गया और पूछ बैठा, " क्या हुआ आदित्य भाई, सब ठीक है न? ऑफिस में कोई प्रॉब्लम है क्या"? "नहीं यार, ऐसा कुछ नहीं है, बस मूड नही है टी
सपने........(भाग-25)आस्था और आदित्य दोनो अलग अलग लोगो के साथ डिनर के लिए चल दिए....। आस्था कार में बैठी आदित्य के बारे में ही सोच रही थी.......'पता नहीं आदित्य को अचानक क्या हो गया है? कल से ही उसका मूड़ ...Read Moreठीक नहीं लग रहा और आज तो ऐसा लगा जैसे ताना मार रहा हो'......! आस्था अपने ख्यालों में गुम थी......उसे एकदम चुप बैठे देख नचिकेत ने ही बोलना शुरू किया," आस्था, दीदी तुमसे हम को ले कर कोई बात करे तो परेशान मत होना....."उनकी आदत ही खुल कर बोलने की है।""वो सब तो ठीक है नचिकेत पर मैं भी उन्हें
सपने.....(भाग-26)आस्था और आदित्य में उसके बाद कोई बात नहीं हुई......आज के डिनर के लिए जितनी परेशान वो थी, उतना ही आराम से और अच्छे ढंग से निपट गया था अरूणा दी से मिलना और डिनर भी......! उधर अरूणा ने ...Read Moreको वहीं रूकने के लिए मना लिया।अरूणा ने नचिकेत को बताया, "आस्था का माइंड बिल्कुल क्लियर है, वो तुम्हें दोस्त समझती है और रिस्पेक्ट भी करती है पर प्यार नहीं.....काफी समझदार लड़की है....उसके अंदर कुछ बनने की ललक है..... तो मेरे प्यारे भाई आस्था का चेप्टर क्लोज करके किसी और लड़की पर फोकस करो"! अपनी बहन के मुँह से आस्था
सपने......(भाग-27)अगले दिन शाम को श्रीकांत के आई बाबा वापिस चले गए। श्रीकांत और सोफिया उन्हें रेलवे स्टेशन गए थे और सोफिया के पैरेंटस ने फोन पर ही बात कर ली थी.......! श्रीकांत की आई ने सोफिया के पैरेंटस को ...Read More"हम लोगो ने आपका घर देख लिया अब आप को भी हमारे घर आ कर देखना चाहिए कि आपकी बेटी शादी करके कहाँ जा रही है? उसका ससुराल कहाँ है"? सोफिया की मम्मी ने कहा, "हम आप लोगो से मिल लिए, फिर ये दोनो तो यहीं रहने वाले हैं तो गाँव में क्या जरूरत है देखने की"? श्रीकांत की आई
सपने.......(भाग-28)श्रीकांत और सोफिया की फैमिली नहा कर नीचे खाना खाने चले गए। खाने के बाद श्रीकांत के बाबा ने उन्हें एक पेपर पर लिख कर तारीख और कुछ रस्में लिख दी जिन्हें करने के लिए वो उनके घर आएँगे ...Read Moreदिया। सोफिया के पापा पेपर को देख रहे थे, उन्हें कंफ्यूज देख कर श्रीकांत के बाबा बोले,"भाई साहब कुछ कहना चाहते हैं तो बिना संकोच के कहिए"! "देखिए हमारे यहाँ ये सब कुछ नहीं होता है, तो हम चाहते हैं कि आप जो भी करना चाहते हैं वो घर पर ना करके बाहर किसी होटल में किया जाए तो आपको
सपने........(भाग-29)श्रीकांत का डर वाजिब भी था....वो आदित्य को अच्छे ढंग से जानता था और आस्था को भी........पर कुछ किया तो नहीं जा सकता था पर वो दोस्ती को बचाए रखने की कोशिश जरूर करेगा। राजशेखर बेचारा खुद आस्था की ...Read Moreको जैसे तैसे हैंडिल कर रहा है। ऐसे में आदित्य कुछ बोल देगा तो राजशेखर उससे नाराज हो जाएगा और अगर आस्था ने आदित्य को "हाँ" बोल दी तो न जाने राजशेखर इस बात को कैसे झेलेगा? इसी कशमकश में फंस गया था श्रीकांत और कब उनकी गाड़ी बिल्डिंग के अंदर आ गयी पता ही नही चला। पार्किंग में कार
सपने........(भाग-30)जब इंसान आराम से सोने के मूड में होता है तो उसे नींद ही नही आती.....ऐसा ही कुछ आदित्य के साथ हो रहा था......! वो तो शाम को नवीन वापिस आया तो दोनो ने साथ खाना खाया......नहीं तो आदित्य ...Read Moreसे बाहर ही नहीं आता....! आदित्य के ऑफिस से उसके कलीग का फोन आया था, वो उससे पूछ रहा था, "रिजाइन क्यों कर दिया? इतनी अच्छी जॉब जल्दी नहीं मिलती ! बॉस तो ऐसे ही होते हैं इग्नोर करना चाहिए था वगैरह वगैरह"! आदित्य बोला," यार मैं ऐसी हरकते नहीं सहन कर सकता, ये कहाँ का फेमिनिज्म है कि लडकी
सपने......(भाग-31)आस्था और आदित्य पहली बार सिर्फ दोनो यूँ अकेले कहीं बाहर मिले थे तो आदित्य और आस्था दोनो को एक दूसरे के बारे में थोड़ा बहुत जानने का मौका मिल गया था.....घर आकर भी सिर्फ वो दोनो थे और ...Read Moreथी, वो भी अपने कामों में लगी थी.......तो आस्था और आदित्य के पास टाइम ही टाइम था बातें करने का.......आदित्य अपने लिए और आस्था के लिए कॉफी बना लाया.......जहाँ आस्था ने बताया, "कैसे वो शादी के चक्कर से बची है और उसके परिवार में लड़कियों को ऐसे काम करने पर अच्छा नहीं समझा जाता.....पर फिर भी अपने भाई और भाभी
सपने.....(भाग-32)माया जी, राजशेखर और आदित्य इंतजार कर रहे थे कि कब उन्हें अंदर जाने दिया जाए...राजशेखर काफी रिक्वेस्ट करके एक बार अंदर जा दूर से ही देख आया था.....! आदित्य और राजशेखर ने जबरदस्ती माया जी को कुछ देर ...Read Moreलिए घर भेज दिया। डॉक्टर जब राउंड पर आया तो उन्होंने बताया, मि. रेड्डी अब ठीक हैं, पर उन्हें अभी 2 दिन रूम में रखना पडेगा....उसक् बाद उनकी सब रिपोर्टस ठीक आँएगी तो डिस्चार्ज कर देंगे.......! आदित्य काउंटर पर रूम के बारे में पता करने चला गया और राजशेखर डॉ. से बात कर रहा था.....!! तकरीबन 2 घंटे लग गए
सपने.........(भाग-33)आदित्य जोश खरोश से राजशेखर और नवीन के साथ चल तो दिया पर पहुँचने में टाइम लग गया। तब तक श्रीकांत और सोफिया पहुँच कर टेबल ले चुके थे और थोड़ा बहुत आर्डर भी कर दिया था.....। उधर नचिकेत ...Read Moreटीम के साथ डिनर के मजे ले रहा था....और साथ ही बातों का शोर सबका ध्यान उनकी टेबल की तरफ खींच रहा था। जब तक आदित्य पहुँचा तब तक नचिकेत की टेबल पर बिल पहुँच गया था......श्रीकांत और सोफिया को जब आस्था की आवाज आयी तो वो लोग अंदर आ कर सबसे पहले उनसे मिल कर आए......नचिकेत ने तो कहा
सपने......(भाग-34)आस्था की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो आदित्य की हिम्मत नहीं हुई अपनी बात दोहराने की या उसका जवाब पूछने की.....!आखिर कार घर पहुँच ही गए और सबने गाड़ी से उतर कर लंबी साँस ली.....ऊपर आ कर ...Read Moreएक दूसरे से आँखो ही आँखो में इशारा कर एक एक करके अपने अपने रूम में चले गए......! सोफिया जब आस्था के कमरे में चली गयी तो वो भी जाने लगी। आदित्य सोफे पर बैठा हुआ था, शायद सब के जाने का इंतजार कर रहा था। "आस्था तुमने मेरी बात का कोई जवाब ही नहीं दिया? मैं इंतजार करूँगा जवाब
सपने.......(भाग-35)आदित्य, नचिकेत, राजशेखर और श्रीकांत ने सब कुछ जैसे परफेक्ट कर दिया था विजय और सविता के लिए......नवीन भी पीछे नहीं हटा......आस्था बहुत खुश थी कि उसके दोस्त कितने अच्छे हैं.....वो अच्छे लोगो के बीच में है, सोच कर ...Read Moreएक अलग सुकून मिलता है.......आदित्य तो स्कूल और कॉलेज टाइमसे ही दोस्तों पर खुले हाथ से खर्च करता रहा है.....पर किसी ने पीठ पीछे कभी तारीफ शायद ही की हो....क्योंकि सबके लिए तो वो बस बिगड़ा हुआ रईसजादा था, पर इस बार सविता ताई और विजय के लिए जो कुछ भी उसने किया....उसके बदले उसे बहुत सारा आशीर्वाद और दुआएँ
सपने......(भाग-36)अगली सुबह बहुत भागदौड़ वाली थी.......।होटल में सब इंतजाम होने के बाद भी काफी काम निकल ही आता है......शादी से पहले कुछ रस्में जो सोफिया के परिवार के साथ होने वाली थीं, वो भी तो श्रीकांत की फैमिली ने ...Read Moreकरवानी थी.......तो हर काम भी डबल था......आदित्य और नवीन बाहर के सब काम कर रहे थे और राजशेखर को श्रीकांत के साथ पूरा टाइम रहने के लिए मना ही लिया था.......राजशेखर जब से बैंग्लुरू से आया था उसके कुछ दिनों के बाद से ही उसके अप्पा के फ्रैंड की बेटी रश्मिकीर्ति से मिल रहा था.....काफी सुंदर और सुलझी हुई लड़की
सपने.......(भाग-37)श्रीकांत और सोफिया की शादी बहुत अच्छे ढंग से निपट गयी थी तो सब खुश थे। श्रीकांत अपनी फैमिली के साथ अपने गाँव चला गया......इस बीच सोफिया के कपड़े और कुछ सामान उसका भाई फ्लैट में छोड़ कर गया ...Read Moreवापिस आने के बाद उन्हें उसी रात हनीमून के लिए निकलना था। आस्था का अब पूरा ध्यान अपने प्ले पर था जिसमें सिर्फ दो दिन बचे थे......। आस्था को नींद आ रही थी और नचिकेत का फोन भी आ रहा था कि कब तक वो आ रही है..... तोआस्था को निकलना ही पड़ा रिहर्सल के लिए। आदित्य तो मजे से
सपने......(भाग-38)नवीन और आदित्य राजशेखर के इंतजार में बैठे टी वी देख रहे थे......तकरीबन 12:30 बजे राजशेखर घर पहुँचा तो नवीन और आदित्य को टी वी देखते हुए बोला, "तुम दोनो अभी तक जाग रहे हो"? "हाँ भाई तुम्हारा ही ...Read Moreकर रहे थे आओ बैठो कुछ बात करनी है"! नवीन ने उसे लगभग जबरदस्ती सोफे पर बिठाते हुए कहा....। "ओ के तो बताओ फिर ऐसी क्या बात है जो करने के लिए मेरा वेट कर रहे थे"? नवीन आदित्य की तरफ देख कर हँसते हुए बोला, "यार तूने बताया नहीं कि रश्मि को डेटिंग कर रहा है? हमें तो तूने
सपने.......(भाग-39)आदित्य का जाना आस्था को अच्छा तो नहीं लग रहा था, पर काम जरूरी था तो रोकना भी ठीक नहीं था.....रात को नवीन आया तो उसने बताया, "वो एक हफ्ते के लिए घर जा रहा है.....काफी दिनों से जाना ...Read Moreहुआ और आने वाले दिनों में कुछ शोज थे उसके अलग अलग शहरो में,तो वो और बिजी होने से पहले अपनी माँ और बहन से मिलने जा रहा था".......! पहले आदित्य और अब नवीन भी जा रहा था तो आस्था और मायूस हो गयी....."क्या यार इतने दिनो बाद मैं फ्री हुई हूँ तो तुम सब बिजी हो गए हो.....? मैं
सपने.....(भाग-40)आस्था शेखर से बात करके हटी तो उसने स्नेहा को फोन किया, " स्नेहा अपनी शादी की तैयारियों और नौकरी में खूब बिजी है, फिर आस्था ने उसे बताया कि, "उसकी फोटो न्यूज पेपर में आयी है और तुझे ...Read Moreपरवाह ही नहीं.....सहेली को भूल गयी मंगेतर मिलते ही...सही है बेटा"! "अरे आस्थू रूक जा, क्यों हर वक्त गुस्सा तेरी नाक पर रहता है।अखबार पढने का टाइम मिलता नहीं, तुझे पता है न कितनी अफरा तफरी में रहती हूँ। घर आ कर ट्यूशन पढाना होता है....माफ कर दे", स्नेहा ने उसे मनाते हुए कहा। "ठीक है माफ किया....मैं आ रही
सपने......(भाग-41)आस्था से बात करके नवीन ने आदित्य को फोन पर बता दिया कि," आस्था हमारे वहाँ पहुँचने के बाद अपने घर जाएगी कुछ टाइम के लिए तो एक बात आस्था से बात कर लेना, शायद जो तुम सुनना चाहते ...Read Moreवो कह दे..."!अगर ऐसा है तो फोन करने की क्या जरूरत है, मैं ही वहाँ चला जाता हूँ.....आमने सामने बात हो जाएगी....नवीन की बात ने आदित्य को खुशी से भर दिया था.......। वो अपने लिए अगले दिन की फ्लाइट देखने लगा....सोच तो वो पहले सी ही रहा था कि 1 हफ्ते का बोला है तो वापिस चलना चाहिए। उधर सुबह
सपने.......(भाग-42)आदित्य और आस्था एक दूसरे से काफी देर तक यूँ ही एक दूसरे से लिपटे रहे.... वो भी बिल्कुल चुपचाप।शायद एक दूसरे से अलग होते ही नहीं अगर आदित्य का फोन न बजता"आदित्य तुम्हारा फोन बज रहा है, उठा ...Read Moreआदित्य से अलग होने की कोशिश करते हुए आस्था ने कहा।" बजने दो, तुम बस यूँ ही मेरे सीने से लगी रहो".....! फोन बज बज कर बंद हो गया, पर शायद कोई जरूरी कॉल था तभी फोन की घंटी दोबारा बजने लगी। "मैं यहीं हूँ, चलो जल्दी से फोन अटैंड करो, कोई Important कॉल होगा".... कह कर आस्था उससे अलग
सपने.....(भाग-43)आस्था वापिस आदित्य के साथ मुंबई आ गयी.... जब वो लोग पहुँचे तो सब डिनर कर रहे थे। नवीन भी वापिस आ चुका था। श्रीकांत तो नाराज हो रहा था कि उसने जाने से पहले उठाया क्यों नहीं? वो ...Read Moreसाथ चलता ...पर आदित्य ने उसे ये कह कर मना ही लिया कि," वो डिस्टर्ब था, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था क्योंकि इससे पहले उसने कभी कुछ ऐसा हैंडिल नहीं किया था, पर फिर भी सब ठीक से हो गया यही काफी है"। आस्था ने आदित्य को मना कर दिया था कि "अभी वो किसी को कुछ भी
सपने.......(भाग-44)सारे दोस्तों ने पूरे दो दिन मस्ती में बिताए...।अब सोमवार को अलग होने का टाइम भी आ गया था। सोफिया और श्रीकांत अपने गाँव जा रहे थे....। श्रीकांत और सोफिया को रेलवे स्टेशन छोड़ने सब दोस्त गए। अगले दिन ...Read Moreभी अपने टूर पर चला गया। पीछे रह गए राजशेखर, आदित्य और आस्था। कुछ दिन आदित्य और आस्था दिन रात एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम एक दूसरे के साथ बिताने की कोशिश में थे। आदित्य और आस्था अभी अपना रिश्ता छिपाने की कोशिश में थे, पर प्यार को कितना भी छुपाया जाए, वो छिपता नहीं। सबसे पहले
सपने.......(भाग-45)सब थके हुए थे तो नींद भी बहुत अच्छी आयी। सोफिया और आस्था सुबह 6 बजे ही उठ गयी थी। देर न हो जाए इसके लिए वो अलार्म लगा कर सोई थीं। दोनों जल्दी से तैयार हो गयीं। तैयार ...Read Moreके बाद ही आस्था और सोफिया ने सबको उठाया। जब तक बेड से उठ कर बैठे नही तीनो वो वहीं खड़ी रही। आखिर उनको उठना ही पड़ा। उन्हें उठा कर दोनो राजशेखर के घर चली गयीं और उनको भी तैयार हो कर जल्दी आने को कह कर गयी। राजशेखर के घर में फूलों से डेकोरेशन हो रही थी......। सोफिया ने
सपने.......(भाग-46)डोली को विदा करा कर सब वापिस आ गए। ज्यादातर मेहमान रात को ही चले गए थे, जो बचे थे वो भी दुल्हन के घर आते ही चलने की तैयारी कर रहे थे। राजशेखर और रश्मिकीर्ति यहाँ की कुछ ...Read Moreके बाद रश्मि के घर जाने वाले थे क्योंकि उनकी रात की ही फ्लाइट थी ऑस्ट्रेलिया की। रश्मि ने हनीमून के लिए ऑस्ट्रेलिया चुना था तो राजशेखर ने भी मवा नहीं किया। श्रीकांत ने दोपहर की टिकट करवा रखी थी गाँव जाने के लिए तो वो भी सब जाने की तैयारी कर चुके थे। हल्का फुलका नाश्ता करके वो तैयार
सपने.......(भाग-47)आस्था अगली सुबह तैयार हो कर नाश्ता कर रही थी। आदित्य भी जल्दी से तैयार हो कर आ गया। आदित्य ने आस्था को छोड़ने जाना था तो नवीन ने कहा," मुझे भी छोड़ देना"! आदित्य ने पहले नवीन को ...Read Moreफिर आस्था को। "आस्था जब फ्री हो जाओ बता देना, मैं आसपास ही रहूँगा तो तुम्हें लेने आ जाऊँगा"।आदित्य ने कहा तो आस्था ने उसे बहुत मना किया पर वो माना नहीं तो हार कर आस्था ने ही कहा,"ठीक है, मैं कॉल कर दूँगी। अब आदित्य कभी किसी कैफे में बैठ जाता तो कभी यूँ ही किसी जगह पर टाइम
सपने.......(भाग-48)आस्था अपने कमरे में जा कर बहुत देर तक रोती रही, क्योंकि वो भी कहाँ आदित्य के बिना रहने का सोच सकती थी, पर उसका फैसला अडिग था। आदित्य भी अपने कमरे में परेशान होता रहा, ये तो नहीं ...Read Moreकि उसे आस्था से प्यार नहीं था या उसकी फिक्र नहीं थी। फिर वो भी अपनी जिद पर अड़ा ही रहा। दोनों एक दूसरे को समझते हुए भी नासमझ बने बैठे थे। आस्था उस दिन को कोस नहीं रही थी क्योंकि जो भी हुआ दोनो की मर्जी से हुआ, पर आगे क्या होगा ये चिंता होना भी वाजिब था, उसके
सपने......(भाग-49)18 साल बाद........"डैड आज मेरा 18Th बर्थडे है मुझे आप क्या गिफ्ट देने वाले हैं? डैड--- "वो तो सरप्राइज है, शाम को पार्टी में मिलेगा मेरी प्यारी गुल्लो"!"डैड कितनी बार कहा है कि आप मुझे अब गुल्लो मत बुलाया ...Read MoreNow I am a big girl"!डैड--- "तुम 18साल की हो गयी और टाइम का पता नही चला, तुम 50की हो जाओगी तब भी तुम गुल्लों ही रहोगी मेरे लिए"। "ओ. के डैड मैं अपनी फ्रैंडस के साथ बाहर लंच पर जा रही हूँ, पार्टी से पहले आ जाऊँगी, आप चिंता मत करना और मॉम को भी बता देना प्लीज"! डैड--
सपने.......(भाग-50)आस्था ने नचिकेत से शादी बेशक हालातों से मजबूर हो कर की थी, पर दोनो में Understanding गजब की थी। नाम की शादी को आस्था ने नचिकेत की महानता समझी और जाना की असली प्यार किया होता है। धीरे ...Read Moreवो नचिकेत की हर जरूरत का ध्यान रखने लगी, उसके कहने ले पहले ही वो समझ जाती है कि कब उसे क्या चाहिए.....ये भी तो एक तरह का प्यार था जिसमें लगाव, प्यार और एक दूसरे के लिए इज्जत का भाव है। नचिकेत के सामने आस्था ने समर्पण भी करना चाहा पर नचिकेत को लगा कि जो कुछ उसने आस्था
सपने......(भाग-51)आस्था बिल्कुल आदित्य के सामने बैठी थी, दोनो ही चुप थे, एक दूसरे के बोलने के इंतजार में थे। नचिकेत वहाँ से चला गया था। "कैसी हो आस्था"? आखिर आदित्य ने अपनी चुप्पी तोड़ी....! "मैं ठीक हूँ तुम बताओ"... ...Read Moreने भी नार्मली जवाब दिया।आदित्य -- "मैं भी ठीक हूँ, बस तुमसे माफी माँगना चाहता था, चाहता तो काफी सालों से था पर हिम्मत नहीं कर पाया। नवीन से तुम्हारे बारे में पता चलता रहता था, मुझे बेबी को एबोर्ट करने की बात नहीं करनी चाहिए थी। तुम्हारी बात माननी चाहिए थी पर उस वक्त बेबी की जगह मैं अपने
सपने......(भाग-52)अगली सुबह सब अपने अपने काम में थे। सभी दोस्त आस्था, अनिका और नचिकेत से मिल कर चले गए थे। अगले साल फिर से मिलने का प्रॉमिस करके। राजशेखर ,नवीन और श्रीकांत तो आदित्य से मिलने उसके होटल पहुँच ...Read Moreरश्मि और सोफिया को लता अपने घर ले कर चली गयी। आदित्य को पूरा यकीन था कि उसके दोस्त उसे मिलने जरूर आँएगे..... होटल के ही डायनिंग हॉल में सबने एक साथ लंच किया और फिर रूम मे आकर खूब बातें हुई। सब अपने करियर और फैमिली की बातें कर रहे थे....आदित्य सब को सुन रहा था। हालंकि आपस में