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सपने - Novels
by सीमा बी.
in
Hindi Fiction Stories
आस्था एक 21साल की खूबसूरत लड़की है, जो इलाहाबाद (प्रयागराज) से English (Hons) करके अपने पापा के कहने पर सरकारी नौकरी के लिए पेपर दे रही है, उसके पापा श्री विजय कुमार सक्सेना जी चाहते हैं कि वो अपनी भाभी निकिता की तरह बैंक की नौकरी करे या आगे M.A B.ed करके टीचर की नौकरी पा जाए, तो फिर उसकी शादी किसी सरकारी नौकरी वाले लड़के से शादी करके अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति पा जाएँ, यही तो हर मिडिल क्लॉस फैमिली की सोच होती है.....! खैर आस्था की अपनी अलग ही सोच है...वो शादी नामक अत्याचार से अभी वो दूर रहना चाहती है, वो स्कूल से ले कर कॉलेज तक हर कल्चर्ल प्रोग्राम का हिस्सा बनती आयी है और जीतती आयी है, वो तो किसी थियेटर को जॉइन करने का फार्म लायी थी, जो विजय जी ने फालतू की नौटंकी कह कर फाड़ कर फैंक तो दिया ही साथ में उसे दिल से ड्रामा जैसे वाहियात ख्याल निकालने का आदेश भी दे दिया.......पर आस्था को पापा की ये तानाशाही पसंद नहीं आ रही थी।
सपने.......(भाग-1)आस्था एक 21साल की खूबसूरत लड़की है, जो इलाहाबाद (प्रयागराज) से English (Hons) करके अपने पापा के कहने पर सरकारी नौकरी के लिए पेपर दे रही है, उसके पापा श्री विजय कुमार सक्सेना जी चाहते हैं कि वो अपनी ...Read Moreकी तरह बैंक की नौकरी करे या आगे M.A B.ed करके टीचर की नौकरी पा जाए, तो फिर उसकी शादी किसी सरकारी नौकरी वाले लड़के से शादी करके अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति पा जाएँ, यही तो हर मिडिल क्लॉस फैमिली की सोच होती है.....! खैर आस्था की अपनी अलग ही सोच है...वो शादी नामक अत्याचार से अभी वो दूर रहना
सपने.......(भाग-2)हमेशा बाहर जींस, कुरते और घर में टी शर्ट और लोअर में बेफिक्र सी रहने वाली आस्था को पापा ने सीधा साड़ी पहनने को कह दिया था.....आस्था ने मना करना चाहा पर माँ ने मिन्नत करके थोड़ी देर के ...Read Moreसाड़ी पहनने को मना ही लिया....आस्था भी क्या करती ? मान ली सबकी बात.....हल्के फिरोजी रंग की प्लेन साड़ी और नेवी ब्लू रंग के बार्डर वाली साड़ी पहन कर तैयार हो गयी, बालों को खुला रख लिया और गले में भाभी ने एक छोटा सा सेट पहना दिया और हो गयी आस्था तैयार.....मेकअप के नाम पर हल्की सी लिपस्टिक और
सपने.....(भाग-3)आस्था के सिर पर लटकी शादी की तलवार पूरी तरह से हटी तो नही थी, पर शायद कुछ दिन का ब्रेक मिल गया है, इस बात को आस्था बखूबी समझती थी।सूरज कुमार नाम का खतरा ही टला है बस, ...Read Moreख्याल आस्था को जागने और शादी के झंझट से कुछ साल दूर रहने का उपाय सोचने के लिए उसके दिलो दिमाग में खींचतान चल रही थी......जब सोचते सोचते थक गयी तो अपनी सहेली स्नेहा माथुर का ख्याल आया और मुस्कुरा कर सोने की कोशिश करने लगी.....पर सोने से पहले स्नेहा को मैसेज करना नहीं भूली। सुबह नाश्ता करके उसके घर
सपने......(भाग-4)विजय जी की नयी खोज शेखर त्रिवेदी वैसे तो लखनऊ में जॉब करते हैं और वहीं के रहने वाले हैं, पर यहाँ उनके चाचा जी रहते हैं, वो विजय जी के दोस्त हैं। रमेश जी को जब विजय जी ...Read Moreअपनी चिंता बतायी तो उन्होंने झटपट अपने भतीजे का रिश्ता प्लेट में परोस दिया। विजय जी के कहने पर रमेश जी ने अपने भतीजे को एक दिन अपने पास बुलाया और उनसे मिलवा दिया। विजय जी को उसके बात करने का ढंग भा गया........लड़के की दोनों बहनों की शादी हो गयी थी। पिता उसके डॉक्टर हैं और माताजी कॉलेज में
सपने.....(भाग-5)"आस्थू तूने कुछ तो कारास्तानी की है, जो शैतानों जैसे मुस्कुरा रही है".....कमरे में आते ही स्नेहा ने दरवाजे को लॉक करते हुए पूछा......आस्था जवाब न दे कर बस मुस्करा रही थी। "अब बस कर मुस्कराने की और मुझे ...Read Moreक्या माजरा है"? "ओ मेरी नेहु आज मैंने उस लड़के को सब सच बता दिया कि मुझे शादी नहीं करनी, मुझे थियेटर और फिल्मों में काम करना है"..... स्नेहा उसकी बात सुन कर थोड़ी परेशान हो गयी," यार आस्थू सच कह देना तो अच्छी बात है, पर अगर उन लोगो ने तेरे पापा को सब बता दिया तो तुझे बताने