तमाचा - 10 (यार)

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"बेटा कैसा रहा तुम्हारा कॉलेज का पहला दिन?" रेखा ने अपने बेटे राकेश को पूछा और उसे पानी का गिलास पकड़ाया। राकेश जो कुर्सी पर बैठा अपने नए-नए शूज़ की डोरी खोल रहा था। उसने शूज छोड़कर पहले गिलास लिया और पानी पीते-पीते बीच में बोला"अच्छा रहा मम्मी।" राकेश के उदासीन जवाब से रेखा समझ गयी कि अब यह स्कूल वाला राकेश नहीं रहा जो मम्मी को आश्चर्य जनक ढंग से अपनी बातें सुनाए। अब उसकी अपनी अलग दुनियां है और उस दुनियां में माता-पिता का स्थान कुछ नीचे हो जाता है साथ ही वह अपनी स्वच्छंदता में माता-पिता की