चक्र - 10

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मैं जाग चुका था, और फिर वह भी जागी तो नहा-धोकर वहां पहुंचे, जहां के लिए आये थे। मित्र ने अच्छा सत्कार किया। उन्होंने तो मुझे को-गाइड बनने का भी सम्मान दे दिया। लता पर रीझते यह भी कहा, "तुम्हें उपकार मानना चाहिए, इस छात्रा के कारण आज हमारी यारी रिन्यू हो गई। इसे उचित पुरस्कार देना," वे मेरी आंखों में देखते, अपने चुसे हुए से गालों से हँसे जो दाढ़ों में चिपक कर रह गए थे। उसके बाद वे डिपार्टमेंट के काम में लग गए। एचओडी जो ठहरे। हमलोग यूनिवर्सिटी सरीखा वह विशाल कॉलेज देख