अचेतन अपराधी - (अंतिम)

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उसके स्वभाव में बड़ा परिवर्तन आ गया था।इस प्रकार के व्यवहार से वह उचन्खरल हो गया था।और आवारा किस्म के लड़कों से उसकी दोस्ती हो गयी।शराब ही नहीं उसे वेश्यावृत्ति का भी शौक लग गया।समय के साथ वह बिगड़ ही रहा था।शायद उसका जीवन विविध प्रकार के असन्तोष और घृणा से भर गया था।जेल से बाहर आने के दो सप्ताह बाद वह दो दोस्तों के साथ शराब पीने के लिए बैठ गया।शराब का नशा उन पर हावी हो गया तो एक दोस्त बोला,","चलो यार आज कोठे पर चलते है।"तीनो दोस्त एक कोठे पर आ गए।"माल है?""हा"कोठा मालिक बोला,"अपने अपने कमरे