सोई तकदीर की मलिकाएँ - 21

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सोई तकदीर की मलिकाएँ      21      सुखे के लिए अपनी बहन और जीजा जी की बात को टालना मुश्किल काम था । वैसे भी वह उसके घर की भलाई के लिए ही तो सोच रही थी तो उनका मान रखने के लिए उसने कह दिया – ठीक है जैसे तुझे ठीक लगे । सुन कर कंतो की खुशी का ठिकाना न था । वह खुशी खुशी अपने घर गयी । इस बात के बारह दिन बाद पूर्णमाशी थी , उस दिन ये सारा परिवार लङकी देखने उनके शहर गया । लङकी देखने भालने में ठीकठाक थी तो