जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 9 - अंतिम भाग

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अम्मी को समझाते और अपनी फिक्र करते अब्बू के भावुक हो जाने पर अम्मी को समझाते हुए शबनम बोली- "अम्मी आप तो आप बिलाल के मिजाज के बारे में भी जानती हैं और और हमारे मिजाज को भी अच्छी तरह पहचानती हैं। आपको तो पता है हम आपके जैसे बिल्कुल नहीं हैं । चाहकर भी हम किसी की गलत बात को इग्नोर नहीं कर सकते इसी कारण वहाँ पाकिस्तान में अगर किसी ने भूल से भी हमारे सामने हमारे मुल्क के बारे में कुछ कह दिया तो....! नही रह सकेंगे चुप अपने मुल्क़ के खिलाफ़ एक भी लफ़्ज सुनकर।" कहती