किंबहुना - 4

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सुबह वह जल्दी जल्दी तैयार होकर निकल ही रही थी कि भरत जी का फोन आ गया। उन्होंने बताया कि मुम्बई से सिंधुजा रवान में जो विजिटिंग अफसर दौरे पर आया है, वो मेरे ब्रदर राम का फ्रेंड है। उसने फोन कर दिया है। तुम सिर्फ परिचय दे देना कि- सर हम राम मेश्राम जी के रिश्तेदार हैं! विजिटिंग अफसर के दौरे के नाम पर फूले आरती के हाथ-पाँव यकायक सामान्य हो गए। उसके मुँह से यही निकला कि- हम आपका ये एहसान कैसे चुकाएँगे! इसमें एहसान की क्या बात, आप रिश्तेदार हैं, अपना समझें और हमेशा अपनी बात