किंबहुना - 23

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23 भान्जा केशव, मामा द्वय को लेकर भोपाल में होशंगाबाद रोड स्थित कुंदन नगर के फेज-2 के 99 नम्बर के मकान पर जब पहुँचा, सुबह के चार बज रहे थे। इतनी जल्दी शहरों में कौन जागता, पर उन्हें कहीं और ठौर भी तो न था। बहरहाल, घंटी बजने पर कुत्ते की भौं-भौं के साथ राकेश ने जब गेट खोला, वे तीनों भीगी बिल्ली बने खड़े थे। अपने साढ़ू केशव को वह तुरंत पहचान गया, जिसके अगले ही क्षण में मामा श्री द्वय को भी। अरे- आइये, आइये यकायक उत्फुल्लित हो हाथ पकड़ भीतर ले आया: कहाँ से आना हो रहा