कहानी प्यार कि - 69

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अनिरूद्ध धीरे से संजना के पास आया..और पास में बैठ गया... वो संजना के माथे पर हल्के हल्के हाथ फेरने लगा...तभी संजना ने अपनी आंखे खोली....अनिरूद्ध को अपने पास देखकर संजना ने तुरंत अनिरुद्ध को गले लगा लिया... संजना बिना कुछ कहे बस रो रही थी और अनिरुद्ध भी नम आंखों से उसे सहला रहा था..." हमारी बेटी ठीक तो हो जायेगी ना..." संजना ने भावुक होकर कहा..." बिलकुल... मैने अभी अभी डॉक्टर से बात की है.. वो ठीक है...संजू..." " हा पर मुझे एकबार मेरी बेटी को देखना है... ये लोग मुझे मेरी बेटी को देखने नही दे रहे