एक रूह की आत्मकथा - 44

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कामिनी की भाभी उमा अपने पति स्वतंत्र के साथ खुश नहीं थी फिर भी उससे अलग नहीं हो पा रही थी।इस बात के लिए वह खुद को अपराधिनी मानती थी।उसकी बचपन की एक दोस्त थी जया।जया की जिंदगी से उसे सबक मिलती थी। दो दिन पहले ही जया उससे मिलकर गई थी। जया परेशान थी। इस बार उसकी परेशानी का कारण कोई विजय थे। इस स्त्री में सारी अच्छाईयों, अपार सौन्दर्य व चुम्बकीय आकर्षण के बावजूद एक बड़ा दोष यह है कि यह ऐसा पुरुष मित्र चाहती है, जिससे वह सब कुछ तो शेयर करे, पर देह नहीं। देह को