काशगर के दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक की कहानी

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काशगर के दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक की कहानी दूसरी रात को मलिका शहरजाद ने पिछले पहर अपनी बहन दुनियाजाद के कहने से यह कहानी सुनाना आरंभ किया। पुराने जमाने में तातार देश के समीपवर्ती नगर काशगर में एक दरजी था जो अपनी दुकान में बैठ कर कपड़े सीता था। एक दिन वह अपनी दुकान में काम कर रहा था कि एक कुबड़ा एक दफ (बड़ी खंजरी जैसा बाजा) ले कर आया और उसकी दुकान के नीचे बैठ कर गाने लगा। दरजी उसका गाना सुन कर बहुत खुश हुआ। उसने कुबड़े से कहा, अगर तुम्हें आपत्ति न हो तो