मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 21

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भाग 21कालेज कैम्पस में घुसते ही फिज़ा पुराने अहसासों से भर उठी उसके सारे ख्वाब मुँह उठाने लगे। बाहर निकलने को मचलने लगे। उसे अपने कालेज के दिन याद आ गये। वह सोचने लगी, अब उसके ख्वाबों को पूरा होने से कोई नही रोक सकता। वो हर हालत में ये इग्साम पास करके रहेगी और अपना चार्टेट अकाउंटेंट बनने का ख्वाब पूरा करेगी। जी-जान से पढ़ेगी। कोई कोर कसर नही छोड़ेगी वह अपने फर्ज़ में। ससुराल की जिम्मेदारियों के साथ-साथ वह अपना मुतालाह जारी रखेगी। ये सब सोच कर उसके दिल में अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी। ये कालेज