उज्जयिनी नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य

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विक्रमादित्य का जन्म भगवान् शिव के वरदान से हुआ था। शिव ने उनका नामकरण जन्म से पहले ही कर दिया था, ऐसी मान्यता है। संभवतया इसी कारण विक्रम ने आजीवन अन्याय का पक्ष नहीं लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और श्रीकृष्ण के पश्चात् भारतीय जनता ने जिस शासक को अपने हृदय सिंहासन पर आरुढ़ किया है वह विक्रमादित्य है। उनके आदर्श, न्याय, लोकाराधन की कहानियाँ भारतवर्ष में सर्वत्र प्रचलित है और आबालवृद्ध सभी उनके नाम और यश परिचित है। इन्होने क्रूर और निर्दय शको (तत्कालीन भाषा में विदेशी राजाओं को शक कहा जाता था।) को परास्त करके अपनी विजय के उपलक्ष