वजूद - 1

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प्रशांत शर्मा भाग 1 शंकर ओ रे शंकर। हां भाभी, क्या हुआ काहे हमारा नाम पुकारे जा रही हो ? अरे वक्त देख। तेरे भैया वहां खेत पर खाने की राह देख रहे होंगे और तू यहां खाट तोड़ रहा है। भाभी हम तो खेत पर जाने के लिए ही यहां बैठे थे आप खाना दो तो हम जाए ना। हां, पता है तू यहां क्या कर रहा था। चल ले और जल्दी जा। वो भूखे बैठे होंगे। ओहो... भाभी अब भी इतना प्यार। उनकी इतनी भी चिंता मत किया करो भाभी। चल भाग बहुत शरारती हो गया है। तेरा