58. जीतेंगे हम 'जीतेंगे हम', रावत पाथे ने माथे का पसीना पोंछा 'नील कंठ महादेव की कृपा होगी तो निश्चय ही हमारी जीत होगी।' एक शबर नायक ने अपना धनुष टंकारा । वदवारी विषय का ककरादह। रावत पाथे ने चन्देल ध्वज फहरा दिया है। पर सैन्य व्यूह रचना एक दम भिन्न । सैनिक दिखते ही नहीं। इधर-उधर बिखरे हुए, जो दिखते हैं वे भी आमने-सामने युद्ध की अपेक्षा दाँव देकर छकाने की मनःस्थिति में युद्ध की रणनीति बदल जाएगी, ऐसा कोई सोचता नहीं था। शबर, भोजक, पुलिन्द भी साथ आ गए हैं चंदेलों के कवचधारी सैनिक नहीं हैं ये, पर