वो माया है.... - 59

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(59) मनीषा कुछ समय पहले ही ऑफिस से लौटकर आई थीं। चेंज करके वह अपने लिए चाय बना रही थीं। उनके फोन की घंटी बजी। उन्होंने देखा तो स्क्रीन पर रिपोर्टर लिखकर आ रहा था। अदीबा का नंबर उन्होंने इसी नाम से सेव किया था। उन्होंने फोन को साइलेंट कर दिया। दो दिनों में उसकी तीसरी कॉल थी जो उन्होंने नहीं उठाई थी। वह चाय बनाने लगीं। अदीबा अपने ऑफिस में थी। अखलाक ने उससे कहा था कि किसी भी तरह से दिशा से संपर्क करे और कुछ नया अपने पाठकों के सामने लाए। उसने भी कह दिया था कि