सेवा और सहिष्णुता के उपासक संत तुकाराम - 10

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मंवाजी बुवा की दुष्टतातुकाराम जी का दूसरा कट्टर शत्रु गोस्वामी मंवाजी बुवा था । इसका घर देहू गाँव में तुकाराम के विट्ठल मंदिर के बगल में ही था । वह तुकाराम का कीर्तन सुनने भी आ जाता था, पर उसके भीतर द्वेष-भावना भरी हुई थी। तुकाराम उसके मनोभाव को जानते थे, पर उन्होंने उससे प्रेम-भाव रखना कभी नहीं छोड़ा। अगर किसी दिन मंवाजी नहीं आता तो आदमी भेजकर उसे बुला लेते थे।तुकाराम जी के बच्चों को दूध पीने के लिए उसके ससुर आपाजी ने एक भैंस भेज दी थी। एक दिन वह घूमती-फिरती मंवाजी के छोटे-से बगीचे में घुस गई