कोरोनकाल में रही बुद्धजीवियों की भूमिका की कथा

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कोरोना को नहीं दोषु गोंसाईउपन्यासकार-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एन्ड डिस्टिब्यूटर्सविष्णु कॉलोनी,शाहगंज, आगरापृष्ठ-144,मूल्य-500रु-----------------------------------------------------------कोरोना को नहीं दोषु गोंसाई--व लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ राकेश कुमार सिंह की 22वी कृति है।इसमे कोरोना काल मे समाज के समझदारो, जिम्मेदार लोगों व बुद्धजीवियों के विचारों,तदनरुप उनके द्वारा दैनिक जीवन मे किये जा रहे व्यवहार को रेखांकित किया गया है।कोरोना महामारी दुनिया के लिए अभिशाप बनकर आयी।कोरोना के प्रसार को रोकने के लिये केंद्र सरकार ने लोकडॉन का सहारा लिया।सब कुछ बन्द।यातायात के साधन,बाजार,शिक्षण संस्थान,धार्मिक स्थल,सब कुछ बन्द।कोरोना छूने से फेल रहा था।वह घर मे सब्जी फ्लो के जरिये भी आ सकता था।उसे रोकने के लिए बुद्धिमान