अधूरी गवाही: गौरव की अनकही दास्तान

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अध्याय 1: परिचय   एक सामान्य दिन, सूरज की पहली किरणें शहर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज की दीवारों पर पड़ती हैं। वहां के छात्र, भविष्य के सपनों में खोए, अपनी कक्षाओं में व्यस्त हैं। लेकिन इस शांत वातावरण के बीच, कुछ छात्रों की आंखों में विद्रोह की चिंगारी धधक रही थी। इनमें से एक थे गौरव, एक ऊर्जावान युवक, जिसकी सोच और सपने सामान्य से कहीं बड़े थे।   गौरव अपनी बेंच पर बैठा, एक हाथ में पेन और दूसरे हाथ से अपनी किताब पर उंगलियां फिराते हुए, विचारों में गहराई से डूबा हुआ था। उसके चेहरे पर एक गंभीर