संवेदना

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बड़े दुःख की बात है कि रमाकांत पांडेजी की पत्नी नहीं रही। वे करीब पैंसठ वर्ष की थी। अचानक ही चक्कर आया और उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाना पड़ा। पांडेजी के दोस्त पंकज श्रीवास्तव भागे-भागे अस्पताल गए और पांडेजी को आश्वस्त करते रहे कि वे जल्दी ही ठीक हो जायगी।                                                                                       वे दोनों आई सी यू के बाहर बैठे थे। पांडेजी को बुरे-बुरे खयाल आते रहे। आखिर उन्होंने निश्चय कर बेटे, बेटी को फोन कर इत्तला कर दी कि तुम्हारी माँ को हार्ट अटैक आया है। अस्पताल में भर्ती है। अभी डाक्टर ने बताया है कि हो सकता है बाईपास सर्जरी