अदाकारा - 59

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*अदाकारा 59*       जयदेवने रंजन के बेडरूम का दरवाज़ा पुरी ताकत से खटखटाया। रंजनने हड़बड़ाकर दरवाज़ा खोला।   "क्या बात है पापा?ये कोई बाहर बुलाने का तरीका है?"   "कमीने ये तुने क्या कर दीया?"   रंजन जयदेव के गुस्से को बिल्कुल समझ नहीं पाया। उसने भी गुस्से से पलटकर पूछा।   "गालियां क्यों दे रहे हो?बताओ तो सही के क्या हुआ है?"   "शर्मिला के साथ क्या किया तुने?"   जयदेव की तनाव ओर क्रोध के कारण साँसें फूल रही थीं।   "मैंने तो उसे सिर्फ़ धमकी दी है।मेरे लड़कों ने उसकी कार का शीशा तोड़ दिया