आइना सच नहीं बोलता

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नंदिनी का दिल भी दीपक की कडुवाहट भरी यादों के साथ यही खेल रहा था। नंदिनी का आधा दिल कह रहा था कि छोड़ दे उसे, जिसने तुझे छोड़ दिया। जिसने तुम्हारे अहसासों की कोई कद्र नहीं की। उसके साथ की कामना भी तुम्हारे स्वाभिमान पर चोट है। यहाँ आकर उसका दूसरा दिल दबी आवाज में कहने लगा कि लेकिन है तो वो तुम्हारा पति ही। शादी तो जन्मों का बंधन होता है उसने रिश्ता तोड़ दिया लेकिन तुम कैसे तोड़ सकती हो, औरत तो रिश्ते जोड़ने का काम करती हैं तोड़ने का नहीं। पापा भी दीपक के ऊपर बुजुर्गों के दबाव से इस रिश्ते को बनाये रखने पर मजबूर करना चाहते हैं,लेकिन वह क्या चाहती है