ममता की छाँव

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हर रविवार छुट्टी के दिन मौली अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ जानवरों को जंगल छोड़ने जाते और दिन तक घर आ जाते थे..आज भी जब पड़ोस में रहने वाली खुशी जो मौली की उम्र की है आवाज दी तो मौली भागते हुए बाहर आई .. जल्दीबाजी में चप्पल पहनकर जाने लगी.. मौली की बड़ी बहन रेनू ने अपनी गाय ओर बैलों को खोल दिया ।खड़ी क्या है? बेंत तो पकड़ ले-रेनू मौली को डांटते हुए बोली.मौली ने तुरंत बेंत उठा ली। रेनू ओर मौली गाय बैलो को लेकर जाने लगे। पीछे से बिन्नी दौड़ती हुई आयी. मैं

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ममता की छांव

स्कूल नहीं जाना है क्या? उठ जाओ बेटा! प्यार से सहलाते हुए मां मौली और बिन्नी को उठाने की कर रही थी।मौली और बिन्नी दोनो आंखे मलते हुए बाहर मुंह धोने जाने लगे लेकिन बिन्नी बाहर आकर लकड़ी के ब्रेंच पर लेट गई । शायद वह अभी और सोना चाहती थी।मौलीं मुंह धोकर रसोई में गई । मां ने दूध का ग्लास मौली को पकड़ाते हुए पूछा बिन्नी कहा है, वह ब्रेंच पर सो गई - मौली ने मां से कहा । जा उसको उठा दे । मौली दूध पीकर बिन्नी को उठाने चल दी ।ग्रामीण परिवेश में रहने ...Read More

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ममता की छाँव - 2

हर रविवार छुट्टी के दिन मौली अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ जानवरों को जंगल छोड़ने जाते दिन तक घर आ जाते थे..आज भी जब पड़ोस में रहने वाली खुशी जो मौली की उम्र की है आवाज दी तो मौली भागते हुए बाहर आई .. जल्दीबाजी में चप्पल पहनकर जाने लगी.. मौली की बड़ी बहन रेनू ने अपनी गाय ओर बैलों को खोल दिया ।खड़ी क्या है? बेंत तो पकड़ ले-रेनू मौली को डांटते हुए बोली.मौली ने तुरंत बेंत उठा ली। रेनू ओर मौली गाय बैलो को लेकर जाने लगे। पीछे से बिन्नी दौड़ती हुई आयी. मैं ...Read More

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ममता की छाँव - 3

मौली अपनी माँ को खो चुकी थी। हालांकि उसका इसपर विस्वास कर पाना मुश्किल था, क्योंकि अभी कल की तो बात थी, जब वह मां के मना करने पर भी स्कूल जाने की ज़िद लिए बैठी थी । कितने प्यार से उसकी माँ ने उसे बाल बनाकर स्कूल भेजा था। पलभर का समय औऱ पलक झपकते ही सब खत्म ।मौली ने अपनी माँ से बहुत सी जादू की कहानियां सुनी हुई थी.. जिसमें रात को परी आकर छोटी बच्ची की सारी ख़्वाहिशें पूरी करती..हालांकि मौली हमेशा जानती थी कि ये सब सच नही है..पर इन चमत्कारों से भरी कहानियों ...Read More