हैवनली हैल

(12)
  • 11.5k
  • 9
  • 4.2k

वह रिसेप्शन में सोफ़े पर देखती है सारे हॉल में मैरून सफेद फूलों वाला ग्रे कलर का गुदगुदा कालीन बिछा हुआ है.एल के आकर के रिसेप्शन काउंटर पर रिसेप्शनिस्ट का गहरी लाल लिपस्टिक लगा मुस्कराता चेहरा है. पास बैठे दो सहायक कंप्यूटर पर काम करने में व्यस्त हैं. सामने वाली दीवार पर आड़ी टेड़ी मॉडर्न आर्ट में नारी आकृति के उभार हैं. कोने की मेज पर रक्खे बोन चाइना के बड़े पॉट से ताजे गुलाबो की महक उस तक पहुँच रही है. रास्ते में देखे गए उनकी फ़ैक्टरी के नक्काशीदार गेट, गेट से ऑफ़िस तक लम्बी सड़क के दोनों ओर करीने से एक कतार में सजे फूलों वाले पौधों के गमले यानि कि हर चीज में झलकती वही `एरिस्टोक्रेसी `, तो वह मामूली स्त्री क्यों उनका चुनाव थी ? या उसे बेवजह समय गुज़ारने का शगल बनाना चाहा था ?जब ज़िद पूरी नहीं तो वह और बढ़ती गई. सालों के दिनों पर पैर रख़ते आज भी ज़िन्दा है.

Full Novel

1

हैवनली हैल - 1

हैवनली हैल नीलम कुलश्रेष्ठ (1) वह रिसेप्शन में सोफ़े पर देखती है सारे हॉल में मैरून सफेद फूलों वाला कलर का गुदगुदा कालीन बिछा हुआ है.एल के आकर के रिसेप्शन काउंटर पर रिसेप्शनिस्ट का गहरी लाल लिपस्टिक लगा मुस्कराता चेहरा है. पास बैठे दो सहायक कंप्यूटर पर काम करने में व्यस्त हैं. सामने वाली दीवार पर आड़ी टेड़ी मॉडर्न आर्ट में नारी आकृति के उभार हैं. कोने की मेज पर रक्खे बोन चाइना के बड़े पॉट से ताजे गुलाबो की महक उस तक पहुँच रही है. रास्ते में देखे गए उनकी फ़ैक्टरी के नक्काशीदार गेट, गेट से ऑफ़िस तक ...Read More

2

हैवनली हैल - 2

हैवनली हैल नीलम कुलश्रेष्ठ (2) उसे लगा था कि यदि वह रुककर विश्वास दिलाना भी चाहे कि उसे ज़िंदगी कभी इतनी मोहलत नहीं दी कि वह किसी पुरुष से डॉयलॉग सुने या सुनाये, इसलिए उसे हंसी आ गई थी, तो भी वे विश्वास नहीं करेंगे. उस अंगारो से जलते क्रोध ने जन्म दिया था, उस चक्रव्यूह को. वह कैसे अजीब चक्रव्यूह मे फँसा दी गई थी. शहर के मेटल सप्लायर्स ने अचानक उसे कच्चा माल देना बंद कर दिया था, वह घबरायी सी हर दरवाज़ा ख़टख़टाती भागी थी,हर दरवाज़ा बंद होता जा रहा था. बस उसकी आखिरी उम्मीद श्री ...Read More

3

हैवनली हैल - 3 - अंतिम भाग

हैवनली हैल नीलम कुलश्रेष्ठ (3) ``सॉरी री मैडम !आई एम होल्डिंग यू टुडे. प्लीज़ ! सिट डाउन. `` मजबूरन बैठना पड़ा था. ``इतने दिनों बाद आए हो. अच्छी अच्छी बात करो. अच्छा बताओ आई एम गुड़ ओर बैड ?`` उनके चेहरे पर बिछी मासूमियत देख़कर उसे विमू ड़ बना दिया था. ...Read More