बहुत रात हो चुकी थी, पर अभी भी मीरां को नींद नहीं आ रही थी। उसने सोचा मोबाइल में कुछ देखु, पर फिर उसे लगा कि पूरा दिन तो वही करती हूं। फिर सोचा लेपटॉप पर कोई अच्छी मूवी देखु, पर उसमें भी उसका मन नहीं लग रहा था। आखिरकार उसने अलमारी में पड़ी अपनी पुरानी डायरी निकाली, और सोचा की कुछ लिखू। जैसे ही मीरां लिखने जा रही थी उसे डायरी में लिखे अपने पुराने नोट्स दिखे। वो हर रोज अपने साथ हुई दिन भर की पूरी घटना डायरी में नोट करती थी।उसने उन पन्नों को खोला, और इत्मीनान

Full Novel

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Mr. and M.R.- 1

बहुत रात हो चुकी थी, पर अभी भी मीरां को नींद नहीं आ रही थी। उसने सोचा मोबाइल में देखु, पर फिर उसे लगा कि पूरा दिन तो वही करती हूं। फिर सोचा लेपटॉप पर कोई अच्छी मूवी देखु, पर उसमें भी उसका मन नहीं लग रहा था। आखिरकार उसने अलमारी में पड़ी अपनी पुरानी डायरी निकाली, और सोचा की कुछ लिखू। जैसे ही मीरां लिखने जा रही थी उसे डायरी में लिखे अपने पुराने नोट्स दिखे। वो हर रोज अपने साथ हुई दिन भर की पूरी घटना डायरी में नोट करती थी।उसने उन पन्नों को खोला, और इत्मीनान ...Read More

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Mr. and M.R. - 2

पिछले अंक से आगे,घटना:“इसको कहीं तो देखा है।” माधव ने हॉस्पिटल में अपने क्रम का इंतजार करते हुए, एक को देखकर मीरां से कहा। वो अंजान व्यक्ति माधव की तरफ ही आ रहा था।“कैसे हो माधव?” उस व्यक्ति ने पूछा।“मैं ठीक हूं। तुम शायद राघव हो?” माधव ने कहा।“बिल्कुल सही पहचाना।” राघव ने कहा।माधव और राघव स्कूल में साथ ही पढ़ते थे। माधव ने मीरां और राघव का एक दूसरे से परिचय करवाया।“मैं M.R. (Medical Representative) हूं। यहां पर दवाओं के सैम्पल ले कर आया हूं। हर Friday को दोपहर 12.30 बजे M.R. का टाइम होता है।” राघव ने ...Read More