कर्तव्य

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घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही था कि कोर्ट रूम में कोई था नही वहाँ पर कुल मिला कर यदि देखा जाता तो कम से कम तीस लोग थे। वकीलों का एक ग्रुप कुछ कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त था। तो एक ग्रुप बेपरवाही से कार्यवाही पूरी होने का इन्तेजार कर रहा था। कोर्ट के सरकारी कर्मचारी बार-बार घड़ी को देखे जा रहे थे और देखते भी क्यों न सरकारी कर्मचारी पाँच बजे के बाद खुद को दफ्तर में किसी नरक से कम नही मानता है लेकिन आज मजबूरी थी मजिस्ट्रेट साहब भी अपनी न्याय की कुर्सी पर बैठे थे उनकी भी जिद्द थी कि आज ही फैसला सुनाया जायेगा।

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कर्तव्य - 1

घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही कि कोर्ट रूम में कोई था नही वहाँ पर कुल मिला कर यदि देखा जाता तो कम से कम तीस लोग थे। वकीलों का एक ग्रुप कुछ कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त था। तो एक ग्रुप बेपरवाही से कार्यवाही पूरी होने का इन्तेजार कर रहा था। कोर्ट के सरकारी कर्मचारी बार-बार घड़ी को देखे जा रहे थे और देखते भी क्यों न सरकारी कर्मचारी पाँच बजे के बाद खुद को दफ्तर में किसी नरक से कम नही मानता है लेकिन ...Read More