क्या तुझे भी इश्क है?

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अपनी अनूठी कनपुरिया भाषा के लिए जाना जाने वाले शहर कानपुर में अभी सुबह के सात बज रहे हैं. छोटी इमारतों की छतों पर भी सूरज अब दस्तक दे चुका है. दीपावली आने वाली है इस वजह से सुबह-सुबह का मौसम थोड़ा ठंडा भी है और सुहावना भी. लेकिन इतनी सुबह अपनी भारतीय संस्कृति को अपने अंदर समाकर रखने वाली शिवाक्षी की माँ रिक्शे से मंदिर जाकर अपने घर की तरफ आ रही हैं. शिवाक्षी का घर शहर की संकड़ी गली के एक छोर पर बना है. घर गली की चढाई वाली जगह पर बना है जिस वजह से रिक्शेवाले को भी घर तक पहुँचने के लिए खड़े होकर पैडल मारने पड़ते हैं. आज भी ऐसा ही हो रहा है. उसकी माँ घर तक रिक्शे से पहुँचने के इरादे से उतरने का नाम नहीं ले रही है. वैसे भी उतरे क्यों उन्होंने घर तक छोड़ने के बीस रूपये जो दिए हैं! आखिरकार जैसे तैसे करके रिक्शेवाले ने अपने रिक्शे को उसके घर तक पहुंचाया और जिसके बाद रिक्शे वाले ने शिवाक्षी की माँ को उतरने के लिए कहा-तनिक उतरो तो...

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क्या तुझे भी इश्क है? (भाग-1)

भाग-1. बड़बड़ाहट एक्सप्रेस! अपनी अनूठी कनपुरिया भाषा के लिए जाना जाने वाले शहर कानपुर में अभी सुबह के सात रहे हैं. छोटी इमारतों की छतों पर भी सूरज अब दस्तक दे चुका है. दीपावली आने वाली है इस वजह से सुबह-सुबह का मौसम थोड़ा ठंडा भी है और सुहावना भी. लेकिन इतनी सुबह अपनी भारतीय संस्कृति को अपने अंदर समाकर रखने वाली शिवाक्षी की माँ रिक्शे से मंदिर जाकर अपने घर की तरफ आ रही हैं. शिवाक्षी का घर शहर की संकड़ी गली के एक छोर पर बना है. घर गली की चढाई वाली जगह पर बना है जिस ...Read More

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क्या तुझे भी इश्क है? (भाग-2)

क्या तुझे भी इश्क है? (भाग-2) भाग-2. हैण्डसम विहान मुंबई की गोरेगांव फिल्म सिटी में एक ऐड फिल्म की हो रही है. सेट तैयार हो चुका है जिसके बाद ऐड शूट करने के लिए मोडल को डायरेक्टर आवाज देता है. -मिस अदिति.. प्लीज कम हीयर.. उसने जैसे ही आवाज दी, एक बड़े से अम्ब्रेला के नीचे बैठी एक सुंदर लड़की खड़ी होती है जिसकी उम्र करीब पच्चीस साल थी. वही अदिति थी. वो खड़ी होकर उसकी तरफ आती है. उसने जूस का गिलास जिसमें से वो जूस पी रही थी को दूर रख दिया. -जी सर.. उसने मुस्काते हुए ...Read More

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क्या तुझे भी इश्क है? (भाग-3)

भाग-3. अनारकली का एक्सीडेंट शिवाक्षी ने दुकान से अपने घर का सामान ले लिया था. जिसके बाद उसने एक से थेले में सामान को भरा और उसने दुकानदार से बिल माँगा- भैया, कितने हुए? -मैम, चार हजार रूपये. दूकानदार ने मुस्काते हुए कहा. जिसके बाद शिवाक्षी ने दो दौ हजार के नोट दुकानदार को दिए और फिर सामान को अपनी स्कूटी के पीछे रस्सी से कसकर बाँध दिया. उसने एक बार उसे हिलाकर देख लिया कि कहीं सामान गिर तो नहीं जाएगा. -हूँ अब ठीक है. मुझे पता है अनारकली तुम्हारी कमर टूट जाएगी पर मैं क्या करूँ यार? ...Read More

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क्या तुझे भी इश्क है? (भाग-4)

भाग-4. सब ठीक होगा! मुंबई में विहान के फ्लैट में अँधेरा छाया हुआ है। बस लिविंग रूम का एक बल्ब जल रहा था जिसकी रौशनी उतनी ज्यादा नहीं थी. विहान लिविंग रूम के सोफे का सहारा लिए हुए फर्श पर बैठा हुआ है। उसने अपनी दाहिनी तरफ एक शराब की बोतल रख रखी है और बारी-बारी से पेग बनाकर वो शराब पी रहा है। स्..साली चढ़ ही नहीं रही है, उसने बुदबुदाते हुए गिलास को एक तरफ रख दिया और उसके बाद सोफे पर से सिगरेट के पैकेट को उठाया। उसने एक सिगरेट ली और अपने दांतों में दबाई, ...Read More

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क्या तुझे भी इश्क़ है? (भाग-5)

भाग-5. इसको समझाओ कुछ! इधर कानपुर में शाम के नौ बज चुके थे। शिवाक्षी की माँ और उसकी छोटी आरोही दोनों ही उदास बैठी हैं क्योंकि वो और उसके पिताजी दोनों ही अब तक घर नहीं आये हैं। पुलिस ने शिवाक्षी के पापा को फ़ोन करके थाने बुला लिया था। उन्होंने शॉर्ट में पूरी बात उसकी माँ को बताई थी कि सड़क पर एक्सीडेंट के बाद क्या हुआ था। जिसके बाद से ही वो इस बात से चिंतित हो गई थीं कि कहीं बहुत बड़ी परेशानी ना हो जाए। वो उन दोनों का ही इंतजार कर रही थीं कि ...Read More

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क्या तुझे भी इश्क़ है? (भाग-6) 

क्या तुझे भी इश्क़ है? (भाग-6) भाग-6. तुम विवेकानंद के जैसी बनो!रात के करीब साढ़े दस बज रहे थे। अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। वो अपने फ़ोन पर किसी डबिंग स्टूडियो के नंबर ढूंढ रही थी। इसी दौरान कोई उसका दरवाजा बजाता है। - हमने बोला था हमें कोई डिस्टर्ब ना करे। अगर हम गुस्सा करते हैं और बिना किसी मतलब के लोगों से झगड़ा करते हैं तो हम इस कमरे में ठीक हैं। हम आज के बाद घर से नहीं निकलेंगे। उसने बिस्तर पर लेटे-लेटे ही जवाब दिया। - शिवी बेटा हम तुम्हारे पापा... दरवाजा खोलो!- पापा हमें अब कोई लेक्चर ...Read More