चंद्रगुप्त - चतुर्थ - अंक - 38

by Jayshankar Prasad in Hindi Fiction Stories

चन्द्रगुप्त ने कहा की सिंहरण इस प्रतीक्षा में है की कोई ब्लाधिकृत जाय तो वे अपना अधिकार सोंप दें नायक! तुम खड्ग पकड़ सकते हो, और उसे हाथ में लिए सत्य से विचलित तो नहीं हो सकते? बोलो ...Read More