इस कहानी में सोफिया और विनय की यात्रा और उनके संबंधों की जटिलता का वर्णन है। वे एक स्टेशन पर रात बिताने के बाद भीलों की एक छोटी-सी बस्ती में पहुँचते हैं, जहाँ सोफिया को प्राकृतिक सौंदर्य और शांति भाता है। उन्होंने वहाँ रहने का निर्णय लिया और एक झोंपड़े में निवास किया। भीलों का आतिथ्य उन्हें अच्छा लगता है, और वे सरल जीवन जीने का प्रयास करते हैं। हालाँकि, सोफिया और विनय एकांत में रहते हुए भी एक-दूसरे से बहुत कम मिलते हैं। उनके बीच प्रेम है, लेकिन नैतिक बंधनों और सामाजिक संकोच के कारण वे अपने भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते। सोफिया ने अपने धार्मिक संकीर्णताओं को पार कर लिया है, जबकि विनय की सोच उतनी उदार नहीं है। फिर भी, दोनों का आत्मिक संबंध गहरा हो चुका है। वे अपने संबंधों की अनिश्चितता को समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें समझ नहीं आता कि यह कैसे करें। विनय दिनभर गाँव के आसपास काम करते हैं और सोफिया उनकी प्रतीक्षा करती है। जब विनय लौटते हैं, तो वे एक-दूसरे की सेवा करते हैं, लेकिन फिर भी अपने-अपने कमरों में सो जाते हैं। कहानी में यह द्वंद्व दर्शाया गया है कि किस तरह प्रेम और सामाजिक बंधन एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। रंगभूमि अध्याय 38 by Munshi Premchand in Hindi Fiction Stories 2 2.7k Downloads 7.9k Views Writen by Munshi Premchand Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This नींद में चलती कहानी... - 1 by Babul haq ansari शब्दों का सच्चा सौदागर - 1 by Chanchal Tapsyam Taaj Ya Taqdeer ? - 1 by dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 by Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 by अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 by बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! by Chaudhary Viral More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories