इस कहानी की पृष्ठभूमि एक सर्दियों की सुबह है, जब उत्तर भारत में शीतलहर चल रही है। गांव कोहरे और धुंध में ढका हुआ है, और लल्लन शुक्ला की मृत्यु की खबर फैल रही है। लोग उन्हें अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन परिस्थितियों के कारण पोस्टमार्टम में देरी होती है। केवल रामजस और हनुमंत लाश के पास रुकते हैं, जबकि अन्य लोग घर लौट जाते हैं और मामले में चुप रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह एक राजनीतिक हत्या का मामला हो सकता है। अगली सुबह पोस्टमार्टम हो जाता है, और हनुमंत कफन का प्रबंध करने में जुट जाते हैं। वह बाजार से सामान खरीदते हैं और गांव जाने के लिए एक इक्के को तय करते हैं। इक्के वाला लाश लेकर जाने से हिचकिचाता है, लेकिन हनुमंत अपना परिचय देकर उसे मनाते हैं। कहानी में ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों और राजनीतिक संदर्भों को दर्शाया गया है। सड़कछाप - 1 by dilip kumar in Hindi Fiction Stories 27k 5.6k Downloads 11.4k Views Writen by dilip kumar Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description सर्दियों की सुबह, शीतलहर से समूचा उत्तर भारत कांप रहा था। चरिंद-परिन्द सब हल्कान थे कुदरत के इस कहर से। कई दिनों से सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिये थे । गांव कोहरे और धुँध की चादर में लिपटा हुआ था। बहुत दूर तक भी नजर गड़ाने पर पूरा सिवान मानों उतनी दूर तक ही सीमित था जितनी दूर तक आंखे कोहरे हो भेद सकती थीं। लल्लन शुक्ला की की मृत्यु के समाचार छन-छन के आ रहे थे। हाज़िर गवाह लोगों ने उनको अपने सामने ही दम तोड़ते देखा था, लेकिन फिर भी उनको हस्पताल ले गये थे लोग, थाना -पुलिस की भी कवायद होनी थी। रात हस्पताल में ही गुजरी और फिर वहां से पोस्टमार्टम के लिये रायबरेली ले जाया गया जो कि गांव के पास के हस्पताल से सात किलोमीटर दूर था। लाश तो थी, डॉक्टर भी था मगर मेहतर ने इतनी शराब पी ली थी कि वो बेसुध पड़ा था, दिन में भी इतनी धुंध और बदली छाई थी कि पचास फुट की आगे की चीजें दिखायी नहीं पड़ती थीं। मोर्चरी में बिजली नहीं थी, जनरेटर खराब पड़ा था, डॉक्टर ने बताया कि बिजली रात की पाली में आती है, रात के ग्यारह बजे से सुबह सात बजे तक । Novels सड़कछाप सर्दियों की सुबह, शीतलहर से समूचा उत्तर भारत कांप रहा था। चरिंद-परिन्द सब हल्कान थे कुदरत के इस कहर से। कई दिनों से सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिये थे... More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 by Anipayadav वाह साहब ! - 1 by Yogesh patil मेनका - भाग 1 by Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 by S Sinha RAJA KI AATMA - 1 by NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी by इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 by Arianshika More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories