Natya purush - Rajendra lahariya - 5 by राज बोहरे in Hindi Moral Stories PDF

नाट्यपुरुष - राजेन्द्र लहरिया - 5

by राज बोहरे Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

राजेन्द्र लहरिया-नाट्यपुरुष 5 यह बताने के बाद रणजीत कुछ पलों तक चुप रहा। उस वक्त उसके चेहरे पर बेचैनी की रेखाएँ खिंची हुई थीं। उसके बाद वह फिर अपनी बीती पर आ गया, ''सर, पिता ने मेरा ...Read More