Tamacha - 8 by नन्दलाल सुथार राही in Hindi Fiction Stories PDF

तमाचा - 8 (दुविधा)

by नन्दलाल सुथार राही Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

सूरज की किरण धीरे-धीरे धरा की तरफ अपने कदम बढ़ा रही थी । विक्रम अपनी बेटी को आँख खुलते ही जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये उसके कमरे में जा रहा था तभी उसके फ़ोन की घंटी बजती है। ...Read More