Tamacha - 9 by नन्दलाल सुथार राही in Hindi Fiction Stories PDF

तमाचा - 9 (पागलपन)

by नन्दलाल सुथार राही Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

"दिव्या भाभी! कमीने अभी तुम्हें ठिकाने लगाती हूँ।" दिव्या ने गुस्से भरे स्वर में राकेश को बोला। राकेश ने इसकी उम्मीद नहीं थी कि दिव्या उसकी सारी बाते सुन लेगी। उसकी सांस अधर में ही अटक गई। उसके शब्द ...Read More