Tamacha - 31 by नन्दलाल सुथार राही in Hindi Fiction Stories PDF

तमाचा - 31 (अनुभव)

by नन्दलाल सुथार राही Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

"जब देंखूं बन्ना री लाल-पीली अँखियाँ...." एक माँगलियार लोक कलाकार जैसलमेर में सुनहरे पत्थरों से बनी पटवों की हवेली के पास यह गीत गा रहा था। जिसके आसपास खड़े कुछ टूरिस्ट राजस्थानी लोक गीत-संगीत का आनंद ले रहे थे। ...Read More