Lahero ki Bansuri - 1 by Suraj Prakash in Hindi Fiction Stories PDF

लहरों की बाांसुरी - 1

by Suraj Prakash Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

1 रचना काल 2015 अभी वाशरूम में हूँ कि मोबाइल की घंटी बजी है। सुबह-सुबह कौन हो सकता है। सोचता हूँ और घंटी बजने देता हूँ। पता है जब तक तौलिया बाँध कर बाहर निकलूंगा, घंटी बजनी बंद हो ...Read More