Dhara - 15 books and stories free download online pdf in Hindi

धारा - 15

धारा के सवाल से देव के चेहरे का रंग उड़ गया !

देव ने हकलाते हुए उससे पूछा, " मतलब..?कहना क्या चाहती हो तुम..? मैं याददाश्त जाने का नाटक भर कर रहा हूँ..! जबकि मैं ठीक हूँ , ऐसा...??"

धारा, "हां ऐसा... और अब कोई ड्रामा तो करना ही मत प्लीज़...!!"

"देखो धारा..." बोलते हुए देव जैसे ही खड़ा हुआ लाइट चली गयी !! देव ने तुरंत धारा को अपने करीब खींचा और धीरे से उसके कान में कुछ कहा। और झट से पीछे हटकर अपनी जगह पर खड़ा हो गया ! लाइट फिर से आ गयी।

धारा हतप्रभ सी देव को देख रही थी !! देव ने उसे आंखों से नार्मल रहने का इशारा दिया। धारा ने हड़बड़ा कर इधर उधर देखा फिर खुद को संयत किया।

देव फिर से नौटंकी करते हुए बोला, " तुम्हे ये नाटक लगता है मेरा...?? हद है, एक इंसान जिसे कुछ याद ही नही तुम उसे शक की नज़रो से देख रही हो ! हेल्प करने की बजाय शक....! सही है, ज़ालिम दुनिया मासूमो पर ही शक करती है !!"

धारा मन में, " क्या नौटंकी इंसान है ये .? मतलब कोई सोच भी नही सकता !!"

"क्या हुआ? किस सोच में गुम हो गयी ??" देव ने धारा के सामने चुटकी बजाते हुए पूछा ।

धारा चौंककर, "हां, नही कहीं भी तो नही !! वो मैं सोच रही थी की रोज़ रोज़ घर पर खाना खाकर पक गयी। आज कहीं बाहर चलें क्या...?? यहीं आसपास।के किसी ढाबे या होटल में ??"

"गुड आईडिया ! मैं भी रोज़ खाना बना बना के थक गया !!" देव ने कहा जिस पर धारा ने भौहें चढ़ाकर उसे देखा तो देव मासूम सी शक्ल बनाकर बैठ गया !!


दिनभर दोनो ने कुछ नही किया ! धारा कुछ भी काम करने लगती, देव उसे परेशान कर देता ! धारा कभी थोड़ी झल्ला देती, तो कभी फटकार लगा देती देव को ! पर देव को कोई असर नही होता !!


शाम के पांच बजे रहे थे !! देव ने मोबाइल पर आसपास के कुछ होटल्स सर्च किया ! जो सबसे पास का था वहां जाना कन्फर्म किया !!


देव ने धारा से कहा, " तो मोहतरमा, तैयार हो जाइए !! आज हम आपको लेकर चलेंगे इस होटल में !! हम जल्दी जाएंगे जल्दी वापस आ जाएंगे !!"

"तुम लेकर जा रहे हो...?? और बिल कौन देने वाला है खाने का...??" धारा ने सवाल किया जिसका जवाब देव ने बड़े ही इतराते हुए दिया, " तुम दोगी और कौन देगा...?? मेरे पास तो याददाश्त तक नही है ! पैसे कहां से आएंगे ??"


धारा बिना कुछ कहे ही रूम में गयी ! बैग से एक सिंपल सी ड्रेस निकाली ! धारा जैसे ही ड्रेस चेंज करने लगी, लाइट फिर से चली गयी !!
धारा को बड़ा ज़ोर आया ! दोनो हाथ उठाकर मुठ्ठी बांधकर झुंझलाते हुए बोली, " क्या है यार ? जब भी कपड़े बदलती हूँ लाइट चली जाती है !!"

धारा ने अंधेरे में ही ड्रेस चेंज की और बाहर आ गयी !! धारा के बाहर आते ही लाइट भी आ गयी ! "लो, जब तक मैं तैयार होती हूँ बस तब तक ही जाना होता है लाइट को !!"

देव भी तैयार हो गया था !! व्हाइट पेंट, ब्लू शर्ट पहने !! धारा ने उसे देखा तो चौंक गयी ! "नॉट बेड" धारा ने तारीफ की देव की ! धारा ने ब्लैक कलर की फ्लोर लेंथ अनारकली सूट पहने हुआ था ! जो काफी फब रहा था उसपर !


होटल पास ही था इसलिये दोनो पैदल ही निकल लिए !! थोड़ी देर तो दोनो साथ मे बराबरी से चले ! देव मुस्कुरा रहा था धारा के करीब होने से ! धारा की नज़र जब उसपर गयी तो वो देव के पीछे हो गयी ! देव मुस्कुराते हुए आगे जा रहा था जेब मे दोनो हाथ डाले हुए ! और धारा उसके पीछे पीछे उसे कोसते हुए।

दोनो होटल पहुंचे ! गेट पर दरवान ने दोनो का वेलकम किया जिसे दोनो ने मुस्कुराते हुए स्वीकार किया और अंदर आ गए ! देव ने लास्ट में कार्नर की टेबल पसन्द की ! पर धारा ने मना कर दिया ! उसे शक हो रहा था देव पर की कहीं वो कॉर्नर में लेजाकर फालतू की बात कर उसे परेशान ना कर दे !!

पर देव ने उसे आंखों से इशारा किया वहीं बैठने का ! धारा समझ गयी क्यों देव ने कार्नर वाली टेबल चूज़ की ! दोनो टेबल पर पहुंचे !
देव ने धारा के बैठने के लिए चेयर खींची, धारा उस चेयर पर ना बैठकर सामने वाली पर बैठ गयी !
देव ने मुंह बिचका दिया !

वेटर ने आकर उनका आर्डर पूछा !! देव ने कहा, " यार रोज़-रोज़ सादा दाल चावल रोटी खाकर पक गया हूँ ! कुछ स्पाइसी खाना है !! बहुत तरह की चीजें खाने का मन हो रहा है!!"

"छप्पन भोग ला दो सर को !!" धारा ने टोंट कसा ।

"नही भाई, छप्पन भोग रहने दे ! एक काम कर सबसे पहले स्टाटर लेकर आ !! तब तक हम मेनू देखकर बताते हैं !!" मेनू उठाकर देव ने कहा!

वेटर दोनो के लिए स्टार्टर रख कर चला गया ! धारा देव को घूर रही थी जो मेनू में नज़रें गड़ाए बैठा था ! धारा बोली, " खाना भी खाना है या सिर्फ मेनू देखकर पेट भरना है..??"

देव ने मेनू हटाकर धारा को देखा ! धारा को इतने गुस्से में देख उसने शरारत से एक आंख की थ्रेड उचकाई ! देव की हरकत से धारा को इतनी तेज गुस्सा आया कि उसने टेबल पर मुक्का दे मारा !
देव डर गया! आसपास के लोग भी उन्हें देखने लगे ! देव ने दबी आवाज़ में वेटर को बुलाया, " ओ भाई जल्दी आ ! नही तो ये भूखी शेरनी मुझे खा जाएगी !!"

वेटर आया और दोनो का आर्डर लेकर गया !! और खाना लगाया !!

देव के चेहरे पर गंभीरता आ गयी ! वो धीरे से बोला, " धारा, मैं जो भी कह रहा हूँ बड़े ही इत्मीनान से सुनना और बीच मे मत टोकना !!"

धारा के मुंह का निवाला मुंह मे ही रह गया ! उसने हैरानी देव को देखा ! देव ने टेबल के नीचे से उसे धीरे से पैर मारा ! धारा होंश में आई !
देव ने फिर मजाकिया अंदाज में इसे समझाते हुए कहा, " ऐसे रियेक्ट करेंगी मोहतरमा तो हम अपने मन की बात कैसे कहेंगे आप से...?? आसपास का माहौल देखिए ज़रा !! सब लोग कितने प्यार से एक दूसरे से बात करते हुए खाना खा रहे हैं, और एक आप है जो हमे ही खा जाने वाली नज़रो से देख रही हैं..!!"

धारा ने नार्मल दिखते हुए फिर से खाना शुरू कर दिया ! फिर से दोनो ने हल्की नोंकझोंक के साथ बात शुरू की !

देव निवाला मुंह मे डालते हुए उससे बोला, " धारा, मैं नही जानता तुम क्या सोच रही हो इस समय !! तुम्हे सब पता चल गया या नही ! पर मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ ! अब तुम विश्वास करो या ना करो ये तुम पर निर्भर है !!"

धारा, " हम्म, बोलो !!"

देव, "तुम्हे लगता है कि मैं नाटक कर रहा हूँ याददाश्त जाने का..??"
धारा ने हां में सिर हिलाया !

"नाटक नही है धारा ! सच्चाई है ! हां मुझे याद आने लगा है ! लेकिन अब भी बहुत कुछ धुंधला सा है ! जो पूरी तरह से स्पष्ट नही हो पाया है !! जिस दिन तुमने दिव्या का नाम पहली बार लिया था न, उस दिन मेरे दिमाग मे एक धुंधली सी तस्वीर बनी थी ! पर मैं पहचान नही पा रहा था ! फिर जब हम लोग यहां आए तब उस फ़ोटो को देखने पर सब क्लियर हो गया, की मुझे इसी लड़की का चेहरा नज़र आता था ! दिव्या का!!
उसके बाद जब तुम सो जाती थी, तब मैं उठकर पूरे घर को देखता था ! शायद कुछ याद आ जाये ! पर नही.... नतीजा सिफर रहा ! कुछ याद नही आया मुझे !!लेकिन कुछ और जरूर पता चल गया !!"


"क्या ..??" धारा ने पानी पीते हुए पूछा।

देव, "हमारे घर मे कई सारे हिडन कैमेरे लगे हुए हैं !!"

ठसके के साथ धारा के मुंह से सारा पानी बाहर आ गया ! धारा चौंकते हुए बोली, " व्हाट..??"

धारा की आवाज़ इतनी तेज थी कि सब लोग उसे देखने लगे ! देव ने सबसे कहा, " सॉरी गाइस, पर्सनल मैटर है !! पुराना झगड़ा सुलझा रहे हैं !! यु गाइस कैरी ऑन !!" सब लोग फिर से अपने काम मे लग गए।

देव बोला, " क्या कर रही हो यार ! किसी को नही सुनाई दे रहा होगा, तो वो भी सुनने लगेगा !!"

"पूरे घर मे हिडन कैमेरा लगे हुए हैं मतलब...?" धारा ने हैरानी से पूछा और अपने दोनो हाथ मुंह पर रख लिए !! उसकी आँखों से आंसू बह निकले !
धारा के आंसू देव के लिए तेज़ाब ! देव ने उससे कहा, " धारा, प्लीज़ काम डाउन ! मुझे भी नही पता था कि घर मे कैमरे लगे हुए हैं !! कुछ दिन पहले ही पता चला है !! पर तुम चिंता मत करो.....


"कैसे चिंता ना करुं देव..? मेरी भी रेकॉर्डिंग हुई होगी उसमे ! जब भी मैं रूम में ड्रेस चेंज ...... धारा का वाक्य अधूरा ही रह गया और गला भर गया।

"इसलिए ही तो मैं लाइट बन्द कर दिया करता था !!" देव ने कहा।


आज राज़ खुला धारा के सामने की क्यों जब भी वो ड्रेस चेंज करती थी तभी लाइट क्यों जाती थी ?? धारा कुछ भी कहने की स्थिति में नही थी ! बस रोना आ रहा था उसे !!
देव उठकर उसके पास आया ! उसे पानी पिलाकर, टिश्यू से उसका मुंह साफ किया ! फिर वेटर को बुलाया !

"आप बिल बना लाइये !" देव ने कहा।

वेटर ने कहा, " सर यदि ये बचा हुआ खाना, आप लेकर जाना चाहे तो हम पैक कर देते हैं वरना छोड़ कर भी जा सकते हैं !!"

"पैक कर दीजिये !!" देव ने कहा।

धारा हैरानी से देखने लगी उसे तो उसने कहा, " क्या..?? अब रुपये पूरे के दे रहें हैं तो लेकर चलना चाहिए न ! बर्बाद क्यों होने दें..?? स्ट्रीट पर घूमने वाले बच्चो को दे देंगे !!"

वेटर ने बिल लाकर देव को दिया और देव ने धारा की ओर बढ़ा दिया ! वेटर ने देव को अजीब नज़रो से देखा ! देव ने कहा, " भाई बहुत गरीब हूँ मैं !! पइसे नही है मेरे पास ! बिल मैडम पे करेंगी !! मैं तो कामवाला हूँ इनके यहां ! ये मुझे खाना पीना देती हैं बदले में इनके घर का काम कर देता हूँ मैं!!"

धारा चिढ़ गयी ! उसने सिर झटका और पर्स में से रुपये निकालकर वेटर को दे दिए ! तब तक दूसरा वेटर उनका खाना पैक कर लाया।
धारा ने देव को घूरा और उठकर सीधे बाहर निकल गयी।

देव उसके पीछे आते हुए, " धारा, सुनो तो !! धारा प्लीज !!"

धारा, "क्या सुनूं...?? और क्यों सुनूं..??"

देव, " जैसा तुम समझ रही हो वैसा कुछ नही है ! मुझे सच मे कुछ याद नही आया है !!"

धारा, " फिर से झूठ !!"

देव , " तुम एक जगह रुककर मेरी बात सुनोगी तब तो यार !! मुझे बोलने तो दो.....!!"

धारा वहीं रुक गयी ! फिर बोली, " ठीक है बोलो ! सुन रही हूँ मैं !!"

"वहां चले पार्क मैं !!" देव ने सामने पार्क की ओर इशारा किया ! जहां कम ही लोग थे ! धारा इस ओर मुड़ गयी।
दोनो वहां पहुंचकर एक बेंच पर बैठ गये !

धारा देव से बोली, " सीधे-सीधे बोलना शुरू करो, भूमिका बांधने की कोई आवश्यकता नही है !!"

देव ने कहा, " जिस दिन हम लोग इस घर मे आये ! मुझे बड़ी ही अजीब सी फीलिंग्स होती थी ! तुम जब सोती थी, तब मैं उठकर पूरे घर को देखता था, याद करने की कोशिश करता था ! पर कुछ याद नही आता ! उस दिन हॉल की सफाई करते समय जो फैमिली एल्बम मिली थी उसे देखकर मुझे पहली बार कुछ याद आया ! हर फ़ोटो के साथ एक याद जुड़ी हुई थी ! जैसे जैसे मैं फ़ोटो देख रहा था वैसे वैसे मुझे थोड़ा थोड़ा याद आ रहा था !
"पापा मुझे अपने कंधे पर बिठाकर घूम रहे है !!" फिर धीरे धीरे और भी याद आने लगा !! कैसे मैं सबको तंग करता था ! मेरी होस्टल लाइफ ! दोस्तो के साथ मस्ती !! फिर दिव्या से मिलना.......

देव बात अधूरी छोड़ धारा को देखने लगा! धारा ने कहा, " रुको मत , आगे बोलो !!"

देव को लगा, जैसे दिव्या की बात सुन धारा को बुरा लगेगा ! पर उसे कोई फर्क ही नही पड़ा !!

" मैं दिव्या के बारे में बात करता हूँ तो तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता....??" देव ने दुखी होकर पूछा।

"हां... नही पड़ता ! तुम आगे बोलो !!" धारा ने बड़ी बेरहमी से कहा ! देव का तो जैसे दिल मे दरार पैदा हो गयी हो ! बस टूटने भर की देर थी।

देव ने कहा, " बस इतना ही याद आया ! दिव्या से मिलना ! उससे दोस्ती होना ! बाकी कुछ याद नही है !!"

धारा, "और वो पासवर्ड... वो कैसे याद आया ??"

देव, " जैसे बताया... वैसे ही !! तुम्हे विश्वास नही है मुझपर...??"

धारा , " मुझे तो तुमपर विश्वास है ! पर शायद तुम्हे नही है !! इसलिए सुबह मेरे मंदिर जाने के बाद तुम चोरी छुपे मेरा पीछा करते हुए आये थे !!"

देव के हावभाव बदल गए ! चोरी पकड़ी गई उसकी !! धारा का शक सही निकला, की कोई उसका पीछा कर रहा है !!

देव ने कहा , " पर मैं तो तुमसे बहुत दूर था ! फिर तुम्हे कैसे पता चला !!"

"तुम अपने आपको ज्यादा स्मार्ट समझते हो..?? दिमाग बस तुम्हे ही दिया है भगवान ने ..??"धारा ताना कसते हुए बोली।
जिसपर देव ने कोई प्रतिक्रिया नही दी।

धारा ने कहा, " सुबह जब पेड़ की परिक्रमा कर रही थी तब शक हुआ था जैसे कोई पीछा कर रहा है मेरा !! मुझे पता था, अगर पीछे मुड़कर देखा, तो वो भाग जाएगा या छुप जाएगा ! इसलिए फूलों की दुकान पर पहुंची ! जहां आईना लगा हुआ था ! उसी में तुम्हारी एक झलक देखी थी ! पर तब भी कन्फर्म नही कर पाई !
लेकिन जब घर आई, तब डोरमैट में लाल मिट्टी लगी हुई थी, जो वहां मंदिर प्रांगण में भी थी !! बस कन्फर्म हो गया !!"
"पर तुम आये क्यों थे मेरे पीछे...??"

देव, " तुम मुझे जाने ही कहाँ देती हो जब घर पर होती हो..?इसलिये तुम्हारे जाने के बाद चोरी छुपे बाहर आया, ताकि कुछ याद करने की कोशिश कर सकूं !!"

"पर घर मे हिडन कैमरे लगे हुए हैं ये बात तुम्हे कैसे पता चली..??" धारा ने फिर से पूछा !


"परसो जब मैं रूम में कुछ ऐसा ढूंढ रहा था, जो मेरी याददाश्त वापस लाने में मदद कर सके ! तब मेरी नज़र गयी टीवी के पीछे, म्यूजिक प्लेयर में लगे एक छोटे से हिडन कैमरे पर !! "

धारा एक दम नार्मल रही सुनकर ! देव को आश्चर्य हुआ ये देखकर !! क्योंकि किसी लड़की के रूम में हिडन कैमरा लगा हो और उसकी हर हरकत उसमे रिकॉर्ड होने की बात जब पता चले तो वो सदमे से पागल हो जाती है ! घबरा जाती है !! मगर धारा को तो अब कोई फर्क ही नही पड़ा ! होटल।में तो वो फिर भी चकित रह गयी थी।

देव को लगा धारा सदमे में है ! वो बोला, " धारा,पर तुम चिंता मत करो तुम्हारे रूम का कुछ भी ऐसा वैसा रिकॉर्ड नही हुआ होगा उसमे !!"

धारा ने बड़ी ही सहजता से कहा, " मैं क्यों चिंता करूँ..?? पता है मुझे , मेरी कोई हरकत उसमे रिकॉर्ड नही हुई है !! होगी भी कैसे...?? पूरे घर मे कैमरे मैंने ही तो लगाए हैं !!!"


"व्हाट....??" अब हैरान होने की बारी देव की थी ।




जारी..............

(JP)