Ek Hadsa - 3 books and stories free download online pdf in Hindi एक हादसा - 3 (6) 1.3k 3.2k आगे..............10-2-21 को राजकोट HCG हॉस्पिटल मे डॉक्टर से मिलकर साक्षी को दाखल कर दिया। दाखल होने के बाद कार्ड का अप्रूवल का साक्षी को मैसेज आ गया। इतनी मुश्किलो के बाद आखिर साक्षी का ऑपरेशन होने वाला था। डॉक्टर ने शनिवार को शाम 4:00pm थी 6:00pm तक ऑपरेशन का टाइम दे दिया था। 12-2-21 के दिन दश बजे से कुछ भी खाने और कुछ भी पीने को मना कर दिया। 3:30 बजे साक्षी को OT (ऑपरेशन थियेटर) मे ले गए। 6:00pm को साक्षी का ऑपरेशन हो गया। रूम मे आने के बाद सबसे पहले साक्षी ने बैंन्डेज लगा हुआ पैर का फोटो ले कर मि.राठौड़ को और बाकी सबको भेजा। साक्षी के पैर को लेके सब मस्ती भरी कॉमेंट कर रहे थे। सब खुश थे आखिर साक्षी का ऑपरेशन हो गया था।ऑपरेशन के बाद इंजेक्शन की वजह से साक्षी को कुछ महसूस नहीं हो रहा था। पर जैसे जैसे इंजेक्शन का असर कम होने लगा साक्षी को दर्द होने लगा। दर्द तो वो पिछले दो साल से सह रही थी पर ये दर्द उससे भी बड़ा था। कुछ समय के बाद साक्षी के पुरे शरीर ने काम करना बंद कर दिया। साक्षी को कुछ भी महसूस नहीं हो रहा था। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी। सबसे कह रही थी।''मुझे ठीक कर दीजिये, मुझे ठीक कर दीजिये"उस दिन साक्षी ने मन ही मन सोच लिया की आज उसका आखरी दिन है। थोड़ी देर मे हॉस्पिटल का स्टाफ और डॉक्टर पहोच गए। डॉक्टर साक्षी को समझाने की कोशिस करने लगे पर साक्षी कुछ समझ ने को तैयार नहीं थी। डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया उससे साक्षी शांत हो गई पर उसके हाथ और पेर काम नहीं कर रहे थे। साक्षी को ऐसे देख कर उसकी मम्मी भी रोने लगी। कुछ देर के बाद साक्षी को ठीक लगने लगा। वो अपने हाथों को हिलाने लगी। वहाँ एक नर्स ने पुरी रात साक्षी ख्याल रखा, बार बार वो साक्षी को देखने आती थी। साक्षी पुरी रात उस हादसे को याद करके रोई थी। खुदको हिम्मत देने के लिए हनुमान चालीस बार बार सुन रही थी। पर उस दिन वो भी काम नहीं आ रहा था।ऑपरेशन तो हो गया था। पर उससे भी मुश्किल ऑपरेशन के बाद के तीन महीने थे। दुसरे दिन शाम को साक्षी को छुट्टी मिली और एक हप्ते बाद दिखाने को बोला। साक्षी और उसकी मम्मी कुछ दिनों वही राजकोट रुके। साक्षी को चलना मना था। कभी दी-जीजु, तो कभी मम्मी या मामी तो कभी मि.राठौड़ साक्षी को चलने मदद करते। एक महीने के बाद साक्षी वॉकर लेके थोड़ा थोड़ा चलने लगी, और दो महीने के फिजियोथेरेपी के बाद साक्षी बिना किसी सपोर्ट के चलने लगी। तीन महीने के बाद डॉक्टर को फिर दिखाया, x Ray किया। उसमे सब ठीक था। फिर से साक्षी अपनी जॉब पर लग गई। साक्षी के जीवन मे अब सब ठीक हो रहा था।कभी कभी पैर मे दर्द होता है। पर उसे अब इन सब की आदत हो गई है।साक्षी को एक बात का अफसोस पूरी जिंदगी रहेगा। गाँव के सरपंच के झगड़े की वजह से उसे और उसके परिवार को इतना सब सहना पड़ा। उस एक हादसे ने साक्षी को उसके सपने और सोख दोनों से जुदा कर दिया। साक्षी को गरबा खेलना बहोत पसंद है, शुरू से खेल कूद मे भाग लेने का सोख रखती थी। साल के जनवरी मे गिरनार आरोहन अवरोहंन की स्पर्धा होती है, ऐसी स्पर्धा मे जाना उसे बहोत पसंद है। पर डॉक्टर ने उसे साफ शब्दो मे बोला है, वो अब ऐसे कोई स्पर्धा मे नहीं जा सकती है। ऐसा कोई भी रिस्क वो नहीं ले सकती है। ऑपरेशन के बाद साक्षी चल सकती है पर अपने सोख पूरे नहीं कर सकती।"हमारे जीवन मे जब कुछ बुरा होता है तो सब बोलते है ना 'सब ठीक हो जायेगा' पर सच तो यही है की कुछ ठीक नहीं होता है,हम उस दर्द के साथ जीना सिख जाते है।"अब साक्षी उस हादसे से बहार निकल कर नये सपनो के साथ अपनी जिंदगी को जी रही है।.............................................स्टोरी पसंद आई हो तो like जरूर कीजियेगा।🙏_Miss chhotti ‹ Previous Chapterएक हादसा - 2 Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Miss Chhoti Follow Novel by Miss Chhoti in Hindi Adventure Stories Total Episodes : 3 Share NEW REALESED Fiction Stories साथिया - 70 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Mythological Stories वेदव्यास Renu Comedy stories हास्य का तड़का - 48 Devaki Ďěvjěěţ Singh Anything जीवन एक संघर्ष है दिनेश कुमार कीर Short Stories ये तुम्हारी मेरी बातें - 8 Preeti Thriller दिव्य अर्धराक्षस - 3 Shailesh Chaudhari Moral Stories शोहरत का घमंड - 58 shama parveen Fiction Stories फादर्स डे - 54 Praful Shah Love Stories अधूरा अहसास.. - 2 Rahul Moral Stories सर्कस - 7 Madhavi Marathe