एक था राजा और एक एक थी रानी, शरू होते ही खतम हो गई कहानी. ऐसी कहानी तो हमने कितनी बार सुनी और देखी है. तो आज मैं आपको एक अलग कहानी Mr and Mrs shah की सुनाती हु. जो दोनों एकदूजे अलग और अंजान थे. Mr shah अमीर और खडूस इंसान थे. जिसका भूतकाल मैं दिल टूट गया था.
और Mrs shah की बात करे तो वो मिडल क्लास की लड़की थी और साथ मैं वो जिद्दी, अडियल लड़की थी.
चलिए आज मैं आपको Mr and Mrs shah से introduce करवाती हु.
गुजरात के अहमदाबाद शहर मैं व्रजचेम् कंपनी के मालिक अभिनव शाह . जो बहोत ही जानेमाने बिजनेसमैन है. उसकी पर्सनालिटी , लिविंग स्टाइल, स्टेट्स, के चर्चे नाही सिर्फ अहमदाबाद मैं पर पूरे गुजरात मैं होते है. Mr shah समय के बहोत पक्के है वो हर काम समय पे पुरा कर देते है. वो स्वभाव से गुस्सेवाले है परंतु अंदर से बहोत ही उदार दिल के और प्यारे है.
अभिनव शाह जब 8 साल के थे तब माँ कैंसर की वजह से उसे छोड़ के चली गई. अभिनव शाह की एक छोटी बहन थी आरोही. वो अपनी बहन के लिए दुनिया लुटाने को भी तैयार थे. पापा पुरा दिन काम मैं व्यसत् रहते थे, इसलिए वो बहन को मा और पापा दोनों का प्यार देते थे.
अभिनव शाह ने अपने कॉलेज के दिनों मैं शाहरुख खान कहलाते थे. वो उनके क्लास के टॉपर के साथ साथ मस्तीखोर भी थे. हर साल वो अपनी कॉलेज मैं टॉप करते थे. लेकिन तीसरे साल उसने टॉप नही किया था उस साल एक लड़की ने टॉप किया था जिसका नाम पल्लवी था.
इस साल टॉप ना करने की वजह से अभिनव बहोत उदास था और ज्यादा तो इस बात से हैरान था की पल्लवी कॉलेज मैं न्यू स्टूडेंट होने के बावजूद आसानी से टॉप कर लिया. वो उसके बारे ज्यादा कुछ तो नही जानता था लेकिन उसके दोस्तो ने उसे बताया था की वो एक जानेमाने बिजनेसमैन अनुराग मेहता की बेटी है. उसका रंग गोरा और वो बेहद ही खूबसूरत है. कॉलेज के सब लड़के उस पर फ़िदा है .
अभिनव पल्लवी से मिलने के लिए आतुर था. जब वो पल्लवी से मिला तो उसे पहली नज़र मैं उससे प्यार हो गया लेकिन पल्लवी को पाना इतना आसान नही था वो जितनी मासूम और खूबसूरत दिखती थी उतनी ही धमंडी और ज़िद्दी लड़की थी. अभिनव उसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. धीरे धीरे ये बात पूरी कॉलेज मैं फेल गई और पल्लवी तक पहोच गई . पल्लवी पहले तो इस बात से गुस्से मैं आ गई फिर उसने अपनी सहेली से सुना था की अभिनव एक टॉपर है और अमीर लड़का है. पूरी कॉलेज की लड़किया उसपे मरती है पर वो सिर्फ तुमसे ही प्यार करता है . तो पल्लवी ने सोचा क्योंन अभिनव के साथ प्यार का नाटक किया जाए.
दोनों एक ही क्लास मैं , एक ही बेंच पे बैठते थे. अभिनव की तो सुबह भी और शाम भी पल्लवी के नाम के साथ ही होती थी. वो अपनी स्टडी को भी भूल गया था. पल्लवी को बाहर दिनर ले जाना, उसके साथ शॉपिंग करने जाना, उसके साथ घंटो तक बाते करना उसको पसंद आने लगा था. अभिनव के लिए पल्लवी जैसे
मेरी सुभाह की पहली किरण भी तु , मेरी शाम की रोशनी भी तू ही.
मेरे दिन की शरुआत भी तु और मेरे रात की आखरी साँस भी तू ही.
पल्लवी और अभिनव धीरे धीरे बहोत करीब आते गए और ऐसे ही कॉलेज का लास्ट महिना ही बाकी था. कॉलज मैं इग्जाम आ गए थे. पल्लवी को सब कुछ आता था लेकिन अभिनव ने पल्लवी के प्यार के चक्कर मैं कुछ नही किया था. उसने सोचा की कोई बात नही कम से कम वो पास तो हो जायेगा. ऐसे ही दिन बीतते गए और रिजलट आ गया . पल्लवी ने इस बार पूरी कॉलेज मैं टॉप किया था और अभिनव को सिर्फ पासिंग मार्क ही आये थे. वो थोड़ा उदास हुआ परतु पल्लवी ने टॉप किया इस वज़ह से वो बहोत खुश था. कॉलेज बस अब खतम होने आया था, सब दोस्त अलग होने वाले थे और पल्लवी भी अलग होने वाली थी तो अभिनव ने सोचा की क्योंन उसके और पल्लवी के रिश्ते की बात घरपे की जाए. उसने ये बात उसके पापा को बताई और पल्लवी और अभिनव दोनो की फैमिली इस रिश्ते के लिए मान गई.
इस रिश्ते के बारे मैं पल्लवी को पता नही था अभिनव उसे सरप्राइस देने वाला था. उसने कॉलेज जाते ही पल्लवी को पर्पोस् करने का सोचा और पल्लवी के लिए रिंग लाया था. पल्लवी के कॉलेज मैं प्रवेश करते ही अभिनव ने ब्लून और फटाके फोड़कर बड़े ही शानदार तरीके से पल्लवी को लव यू बोल दिया. पल्लवी पहले अभिनव को मना करने वाली थी परंतु अभिनव ने उसके और अपने रिश्ते की बात करने की वज़ह से पल्लवी ने कुछ नही किया. पल्लवी अभिनव से शादी नही करना चाहती थी क्योंकि वो किसी और से प्यार करती थी उसने सिर्फ टॉप करने के लिए ही अभिनव से प्यार का नाटक किया था. पल्लवी जिससे प्यार करती थी वो मिडल क्लास का लड़का था इसलिए उसके पापा इस रिश्ते को स्वीकार करने से मना कर दिया था.
ऐसे ही दिन बितते गए और दोनों फैमिली बहोत करीब आ गई थी. दोनों फैमिली अगले महीने ही अभिनव और पल्लवी की शादी कराने वाली थी. अभिनव इस बात से बहोत ही खुश था परतु पल्लवी इस बात से उदास थी. उसने सोचा क्योंन अभिनव का थोड़ा और उपयोग किया जाए. उसने अभिनव से थोड़े पैसे मांगे और कहा उसको अपना बिजनेस शरू करना हैं और इस प्लान के बारे मैं किसी और को बताने को से मना किया था की वो सब को सरप्राइस देना चाहती है इसलिए अभिनव ने किसी से बात नही की. उसने पल्लवी को बिजनेस मैं मदद करने को भी तैयार था.
दोनों के घर मैं ज़ोरशोर से शादी की तैयारियां शरू हों गई . अभिनव की जिंदगी मैं जैसे उसकी माँ के चले जाने के खुशिया ही खतम हो गई थी वो वर्षो बाद लौटके आई हो. अभिनव की बहन भी बहोत खुश थी की सालों बाद अभिनव उसके लिए कुछ कर रहा है . दूसरी तरफ पल्लवी के घर भी उसके माँ और पापा बड़े ही खुश दिखाई दे रहे थे. पल्लवी के हाथों मैं आज अभिनव के नाम की मेहंदी लग चुकी थी. बस अब पल्लवी और अभिनव की शादी को एक ही दिन बाकी था. घर मेहमान और रोशनी से भरा हुआ था. ढोल और शरआई की आवाज़ दूर दूर तक सुनाई दे रही थी. अब आगे देखते है पल्लवी अभिनव से शादी करके अपने फैमिली को खुश रख पायेगी या फिर वो शादी करने से लास्ट मोमेंट पे मना कर देंगी. ये जानने के लिए मेरे साथ आगे का चेप्टर पढ़ते है ।