Dil ki Udaan - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

दिल की उड़ान - भाग 3

अहमदाबाद मैं एक नई सुबह हो चुकी हैं. ये सुबह अभिनव की जिंदगी मैं एक नया पड़ाव लाने वाली हैं. सुबह होते ही अभिनव तैयार हो जाता हैं और रूम से बहार निकलकर नीचे आता हैं. उसके पापा उसके सामने देखते हैं उससे पूछते है की " इतनी सुबह सुबह तुम तैयार हो कर कहा जा रहे हो? " तब अभिनव कहता हैं की अपना बिजनेस शरू करना चाहता हु इसलिए अभी मुझे थोड़े दिन नौकरी करनी हैं. उसके पापा ने उसको बहोत समझाया की तुम मेरी कंपनी मैं काम करो और तुम्हे पैसे की जरूरत है तो मेरे पास से ले लो लेकिन वो अपने पापा की बात नही मानता वो अपने पैरो पर बड़ा बिजनेस शरू करना चाहता हैं. उसके पापा भी उसे ज्यादा कुछ नही बोलते है क्योंकि कल जो हुआ उसके बाद वो अभिनव को खुश देखना चाहते है. अभिनव नौकरी करने की इच्छा थी इसलिए उसने अभिनव को नही रोका और उसे बेस्ट ऑफ लक कह कर चले गए. इतने मैं उसकी बहन आरोही आती हैं और उसे पता चलता है की भाई के नौकरी का पहला दिन है तो वो दही शक्कर् लाती है .

अभिनव दही शक्कर खाकर नौकरी के लिए निकलता हैं. अभिनव को एक बड़ी कंपनी मैं मेनेजर की नौकरी मिल जाती हैं और उसका पगार भी अच्छा होता हैं. वो मेनेजर की नौकरी के साथ साथ अपने बिजनेस के लिए भी प्लान तैयार कर रहा था. सुबह वो काम पर जाता था और रात को लौट के आता था. रात को आते ही डिनर करके अपने रूम मैं चला जाता था. वो अपनी जिंदगी मैं इतना व्यस्त हो गया था की उसको जैसे मुस्कुराने के लिए भी समय नही मिलता था. उसकी बहन आरोही हर रोज ये सब देखती थी के उसका भाई कितना बदल चुका हैं. आरोही एक तरह से भाई आगे बढ़ रहा हैं इससे खुश थी तो दूसरी तरफ वो सब कुछ भूल गया है उससे दुखी भी थी. आरोही जब भी उसके भाई से बात करने जाती थी तब अभिनव उसे मैं काम कर रहा हु बाद मैं बात करते हैं ऐसा कह के उसे चुप कर देता था. अभिनव धीरे धीरे अपने पापा की तरह अपनी फैमिली सी और दोस्तो से दूर होता जा रहा था. वो पूरा दिन बस अपना काम ही करता था. लेकिन हा महीने के अंत मैं जब उसका पगार आता था तब वो आरोही के लिए गिफ़्ट लाना नही भूलता था. लेकिन आरोही को गिफ़्ट से ज्यादा उसको पहले वाला भाई वापस चाहिए था. जो उसके साथ मुस्कुराकर बाते करता था.

अभिनव कहने को तो एक खडूस इंसान बन गया था. ना तो उसे किसी से बात करनी पसंद थी और वो तो जैसे मुस्कुराना ही भूल गया हो ऐसा लगता था. उसकी ओफिस मैं भी कितनी लड़कियाँ उसपे मरती थी लेकिन वो किसी के सामने देखता भी नही था. यहाँ तक की उसे प्यार का इज़हार करने वाली लड़की के साथ वो बदतमीज़ से पेश आता था. इस वज़ह से किसी भी लड़की की हिम्मत नही थी उससे बात करने की और प्यार का इज़हार करने की.अभिनव की नौकरी को छः महीने पुरे हो गए थे इसलिए कंपनी ने उसका काम देखकर उसका पगार बढ़ा दिया. वो ये खुशखबरी घर पर कहने ही वाला था उतने मैं घर से कॉल आता है की आरोही की तबियत बहोत खराब हो चुकी हैं. वो अभी बहोत जरूरी मीटिंग मैं था इसलिए उसको किसी ने बताया नही. जैसे ही मीटिंग पूरी हुई तब उसको पता चला आरोही की तबियत बहोत खराब है और उसे होस्पिटल ले गए हैं. इतना सुनते ही वो अपने स्टाफ पर बहोत गुस्सा करते है और वहा से तुरंत निकल जाते हैं. वो जैसे ही होस्पिटल मैं पहोचते है उतने मैं उसको डॉक्टर से पता चलता है की आरोही ने सुबह सी कुछ नही खाया है और उसे अभी बहोत बुखार हैं.

अभिनव को अपने आप पर बहोत गुस्सा आ रहा था की वो काम की वजह से आरोही के साथ बात करना भी भूल गए. थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने कहा अब आप अपनी बहन से मिल सकते हो इसलिए वो अंदर गए. अभिनव आरोही के लिए गिफ़्ट लेकर आया था जो उसको दिया और साथ ही मैं आरोही से माफी भी मांगी की मेरी वज़ह से तुम बीमार हो गई. आरोही अभिनव को देखकर मुस्कुराती है और कहती है " अब आप आ गए हो इसलिए मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगी " थोड़े दिन अभिनव आरोही के साथ रहता है और उसे वचन देता है की वो उससे हर रात को बात किये बिना नही सोयेगा. वो उसके साथ समय बितायेगा . आरोही को डॉक्टर ने घर ले जाने के लिए हा कह दी थी. आरोही के घर आते ही अभिनव सब को अपने बिजनेस के बारे मैं बताता है की वो अपनी कंपनी शरू करने वाला हैं. सब लोग ये बात सुनकर खुश हो जाते है. अभिनव आरोही के लिए ड्रेस लाता है और कहता है कल कंपनी के उदधाटन साथ साथ उसके लिए एक सरप्राइज हैं.

इतना बोलके अभिनव सोने के लिए चला जाता हैं. अभिनव ने कल के लिए सारी तैयारियां कर ली थी. कल का दिन अभिनव के लिए एक नया मोड लाने वाला था. अभिनव ने जो सपना कॉलेज मैं देखा था वो पूरा होने वाला था . अभिनव की एक साल की मेहनत रंग लाने वाली थी. कल कंपनी के कार्यक्रम मैं सभी बड़े बिजनेसमैन को भी बुलाया गया था. अभिनव आखिर इतने सालों बाद और इतना कुछ होने के बवज़ूद अपने पैरो पर शाह कंपनी की शुरुआत करने जा रहा था. पल्लवी और अभिनव की शादी के एक साल बाद ये खुशियाँ घर मैं आई थी. उस दिन के बाद अभिनव जैसे जीना ही भूल गया लेकिन फिर भी वो उतना भी कठोर नही बना था. अभी भी उसकी बहन के लिए वही व्यक्ति है जो सालों पहले था. आरोही को कल क्या सरप्राइज है ये सोच कर नींद ही नही आ रही थी. वो बहोत खुश थी अभिनव को कामयाब होते देखकर. आपको क्या लगता है अभिनव क्या सरप्राइज देने वाला है आरोही को ये देखने के लिए आगे पढ़ते है मेरे साथ " दिल की उड़ान "।।।