Motivational Stories Books in Gujarati, hindi, marathi and english language read and download PDF for free Home Books Tamil Books Motivational Stories 5 Essential Items That Money Can’t Buy by Rahul Desai (0) 12 Thing money can’t buy, is an article written for people to understand the difference between what money can buy and what it can’t. In the generation of glamor and ... મારી વ્યથા - ૨ by Nidhi Makwana (3) 105 હવે આગળ, જ્યાંરે મારી દીકરી બે વર્ષ ની હતી ને ત્યારે તેની માતા મૃત્યુ પામી હતી. પરંતુ મે ક્યાંરે પણ એને એની માતા ની ખોટ આવવા દીધી નથી. ... मम्मी पढ़ रही हैं - 1 by Pradeep Shrivastava (4) 163 कैसी हो हिमानी, क्या कर रही हो? - ठीक हूं शिवा, दिव्यांश का होमवर्क पूरा करा रही हूं, तुम बताओ तुम क्या कर रही हो? - मैं बहुत टेंशन में हूं यार। आज ... ક્યારેય હાર ન માનો - 1 by Amit R. Parmar (5) 139 માની લ્યો કે કોઇ બે વ્યક્તી છે જેમને ચીત્રો દોરતા બીલકુલ આવળતુ નથી અને તેઓ સાથે બેસીને ચીત્ર દોરવાનો પ્રયત્ન કરી રહ્યા છે. હવે દેખીતુજ છે ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 9 by Dr Vinita Rahurikar (4) 96 तनु उसी समय केंप के पास आयी। कृष्णन ने उसे हादसे के बारे में बताया। सुनकर तनु को भी बहुत बुरा लगा। बिना उसे कुछ पूछे ही कृष्णन ने ... પ્રેમ - 2 by મનસુખભાઈ મીસ્ત્રી . (7) 213 રમીલા આજે સુડતાલીસ વરસની ઉંમરે પહોંચી છે. તે સવારની ચ્હા પીતા પીતા વિચાર કરેછે. કે આ કેવા સંજોગો ઊભા થયાં છે. જો નસીબ મારી સાથે હોત તો રાજુ મને ... वो फरिश्ता by Renu Gupta (4) 211 यह कहानी टाइम्स गृप के समाचारपत्र सांध्य टाइम्स में 10 अक्तूबर, 2019 को प्रकाशित हो चुकी है। वो फरिश्ता “अंकल, आपने आज राखी क्यों नहीं बांधी? देखिये, मैंने ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 8 by Dr Vinita Rahurikar (10) 175 केंप आ गया था। तनु की ओर बिना देखे परम जल्दी से अंदर चला गया। राणा, रजनीश, अमरकांत, कृष्णन सब के सब स्लीपिंग बैग्स पर औंधे पड़े थे। परम भी ... इंद्रधनुष सतरंगा - 25 - Last Part by Mohd Arshad Khan (2) 85 दो दिन बाद पंद्रह अगस्त था। आतिश जी पार्क में अकेले खड़े थे। बीती हुई यादें मन में उमड़-घुमड़ रही थीं। पहले पंद्रह अगस्त की तैयारियों में सभी लोग जुटते ... રીએકશન by Pankaj Rathod (10) 245 આપણે ક્યારે પણ કોઈ પર કારણ અથવા તો કારણ વગર કોઈના પર ગુસ્સે થતા હોઈએ છીએ. ગુસ્સે થઈ એ ત્યારે હંમેશા આપણને સામેના વ્યક્તિ નો ... આત્મહત્યા by Hardiksinh Barad (7) 283 "આત્મહત્યા".....!!! આ એક શબ્દ કહું, વિચાર કહું કે એક અંતિમ રસ્તો..!? વિશ્વમાં આજે સૌથી વધુ આત્મહત્યા આપણા ભારતમાં નોંધાય છે. કેવી ગર્વ લેવા જેવી વાત છે નહીં!?? એથી મોટી ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 7 by Dr Vinita Rahurikar (7) 135 परम क्षणभर में ही पलट कर कृष्णन के साथ हेलीकॉप्टर में बैठ गया। अमरकांत भी आ गया। तीनों फिर डयूटी पर लग गये। रिपोर्टर अपने कैमरों से शूट लेने ... 6 Common Reasons For Giving Up Life Goals by Rahul Desai (3) 179 Giving up life goals is the common statement we hear from many people around us.Everybody has a goal in life to achieve. Some succeed and some fail. Well, we ... શરમ સંકોચ છોડો by Amit R. Parmar (11) 551 ૧૨ મા ધોરણમા અભ્યાસ કરતો એક વિદ્યાર્થી ખુબજ શરમાળ હતો. તે આખો દિવસ ચુપચાપ બેઠો રહેતો અને કોઈની સાથે વાત કરતો નહિ. અરે ! વાત કરવાનુતો ... मौजो से भिड़े हो पतवारें बनो तुम by Ajay Amitabh Suman (3) 148 (1) मौजो से भिड़े हो पतवारें बनो तुम मौजो से भिड़े हो ,पतवारें बनो तुम,खुद हीं अब खुद के,सहारे बनो तुम। किनारों पे चलना है ,आसां बहुत ... इंद्रधनुष सतरंगा - 24 by Mohd Arshad Khan (1) 115 मोबले का स्कूटर बिगड़ गया। सुबह-सुबह स्कूटर निकालकर चले ही थे कि मौलाना साहब के दरवाजे़ तक पहुँचते-पहुँचते वह ‘घुर्र-घुर्र’ करके बंद हो गया। स्कूटर अभी नया था। उसे ख़रीदे ... પ્રેમ by મનસુખભાઈ મીસ્ત્રી . (10) 301 મીના આજે ખરેખર પરી જેવી લાગતી હતી. આજે છવ્વીસમી જાન્યુઆરી હોવાથી તે ખાસ તૈયાર થઈ ને ઓફીસ આવી હતી. આમતો તે કાયમ કપડાં માટે ખાસ ધ્યાન રાખતી. મીના એક ... माझा शंतनु भाग ६ - Last Part by Prevail Pratilipi (3) 130 नेहाच्या मनात ती न्यूज आठवली जी आपण पहिली होती त्यात आपला शांतनू होता तर तिला खूप वाईट वाटलं. "तू कशी आहेस...??" ह्या प्रश्नाला तिच्या तोंडून उत्तर बाहेर पडत नव्हतं ... ईश्वर कृपा by Rajesh Maheshwari (2) 156 ईश्वर कृपा जबलपुर शहर में सेठ राममोहन दास नाम के एक मालगुजार रहते थे। वे अत्यंत दयालु, श्रद्धावान, एवं जरूरतमंदों, गरीबों तथा बीमार व्यक्तियों के उपचार पर ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 6 by Dr Vinita Rahurikar (4) 180 थोड़ा सा नीचे जाते ही सामने का दृश्य देखकर सबके रोंगटे खड़े हो गये। पहाड़ी पर थोड़े से समतल स्थान के बाद थोड़ी तीखी ढलान थी वहाँ झाडिय़ों में ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 5 by Dr Vinita Rahurikar (5) 223 सैकड़ों मील दूर अहमदाबाद शहर में। रात के डेढ़ बजे एक लड़का और एक लड़की अपनी पीठ पर सामान से भरे बैग लादकर सड़क पर तेजी से चुपचाप चल ... इंद्रधनुष सतरंगा - 23 by Mohd Arshad Khan (0) 193 कर्तार जी को दिल्ली जाना था। आतिश जी ने उनका रिज़र्वेशन करा दिया था। कर्तार जी एजेंसी के कामों से अक्सर दिल्ली आया-जाया करते थे। उनकी यात्रएँ इतनी अचानक और ... माझा शंतनु भाग ५ by Prevail Pratilipi (3) 144 Present day सकाळचे आठ वाजले होते आणि पाऊस पण थांबला होता, नेहाच्या लक्षात आलं की आज आपण पूर्ण रात्र हॉस्पिटल् ला च घालवली, तिने लगेच बाबाना कॉल केला ," ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 4 by Dr Vinita Rahurikar (5) 257 पाँच बरस पहले की वह रात आज भी याद है परम को, बरसात का मौसम था। उस साल आसमान अपनी सारी सीमाएँं तोड़कर बरस रहा था सारी सृष्टि तरबतर ... Short Stories Spiritual Stories Novel Episodes Motivational Stories Classic Stories Children Stories Humour stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Social Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews K બોલે તો..? by Akshay Mulchandani (5) 308 K for Karma to P for પરિણામ થાય કે નહીં..? અહીં આવા જ એક વિષય પર છોટી સી વાત છે, કહો કે થોડા અલગ એવા વિચારો છે. મારી વ્યથા by Nidhi Makwana (18) 429 કેમ છો મિત્રો,મારી આગળ ની સ્ટોરી ને તમે સારો એવો આવકાર આપ્યો તે બદલ ખુબ ખુબ ધન્યવાદ.મારી જાન,હા, દરેક માતા - પિતા માટે પોતાના સંતાનો તેમના જીવ થી પણ ... इंद्रधनुष सतरंगा - 22 by Mohd Arshad Khan (2) 126 बारिश के मौसम में यूँ तो आँधी नहीं आती, पर कभी-कभी पुरवाई पेड़-पौधों को ऐसा गुदगुदाती है कि वे खिलखिलाकर लोट-लोट जाते हैं। ऐसे में अगर धूप की आस ... माझा शंतनु भाग ४ by Prevail Pratilipi (2) 150 त्यांना आपल्या सुरुवातीचे दिवस आठवले ह्याच रूममधून आपण आपल्या friendship ची सुरूवात केली नि आता लास्ट सेमिस्टर च्या वेळी आपण इथेच आलो ती दोघे ह्या विचारात खुप हसले, शांतूनेने ... एक जिंदगी - दो चाहतें - 3 by Dr Vinita Rahurikar (9) 276 'अरे ये तुम्हारे चेहरे पर लाल-लाल दाने से क्या हो गये हैं? सुबह-सुबह तनु के गाल और ठोडी पर लाल दाने देखकर परम घबरा कर बोला। 'तीन दिन से ... हुनर by Rajesh Maheshwari (6) 415 हुनर बनारस में दो मित्र महेश और राकेश रहते जिन्हें मिठाईयाँ एवं चाट बनाने में महारत हासिल थी। उनके बनाये हुए व्यंजन बनारस में काफी प्रसिद्ध थे। एक ...