पढ़ने का शौक लेखन तक ले आया ।कुछ लेख और कविताएं लिखीं कल्पनाओं की उड़ान जल्दी ही कहानियों तक ले आई । दोस्तों ने प्रेरित किया और पहला कहानी संग्रह परछाइयों के उजाले आया जिसे बहुत प्रशंसा मिली । इसके बाद आया उपन्यास छूटी गलियाँ जो अब मातृभारती पर भी उपलब्ध है । एक अन्य कहानी संग्रह कछु अकथ कहानी की कुछ कहानियाँ भी आप मातृभारती पर पढ़ सकते हैं जिसे प्रतिष्ठित वागीश्वरी पुरस्कार मिला। एक साझा उपन्यास देह की दहलीज पर मातृभारती पर धूम मचा चुका है तो अन्य वेबसाइट पर कई कहानियाँ और उपन्यास पसंद किए गए।

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