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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह - बातें जो कही नहीं गईं By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षाकाव्य संग्रह - "बातें जो कही नहीं गईं"                            समीक्षक = सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उ.प्र.)     सरल सहज मृदुभाषी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की "बातें...

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निर्मला By DINESH KUMAR KEER

1.दोस्तकिशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ बँटाता था, पर मोती सिर्फ गाँव के दोस्तों के साथ घूमता और मौज मस्ती करता था।गेहूँ की फसल...

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मुझे बड़ी अच्छी लगी By DINESH KUMAR KEER

1.बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद मेंमुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है2.जताती कभी... छुपाती कभी... चूमती कभी,मुस्कुराहटें तुम्हारी हैं बदमाश बहुत…3.मुझे बड़ी अच्छी लगी उसकी...

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भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 3 By Sonu Kasana

भारत को ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक 2008 के बीजिंग ओलंपिक में मिला। यह पदक अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में जीता था। इस जीत के साथ, अभिनव बिंद्रा भारत के पहले व्यक्ति...

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लागी तुमसे मन की लगन By DINESH KUMAR KEER

1.हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करेंदिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करेंतर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करेंसर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हम...

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खत लिखने की ख्वाहिश By DINESH KUMAR KEER

1.खत लिखने की ख्वाहिश थी मेरी ।ना कलम ने साथ दिया ना शब्दों ने शमां बांधा ।2.कभी फुरसत में अपनी कमियों पर गौर करनादूसरों का आईना बनने की ख्वाहिश मिट जाएगी3.फ़ैसला लिखा हुआ रखा है प...

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बहती आँखों का दरिया By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ खूबसूरत रास्तों के नसीब में... मुसाफिर नहीं होते,कुछ होते हैं अपने...मगर साथ नहीं होते! 2.कभी भी लोगो कोहराने की कोशिश मत करोबस उनका दिल जीतो 3.आज के समय रिश्ते बनाए बहुत सोच...

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तुमने आवाज दी By DINESH KUMAR KEER

1.नेकियाँ खरीदी हैं हमने अपनी शोहरतें गिरवी रखकर... कभी फुर्सत में मिलना ऐ ज़िन्दगी तेरा भी हिसाब कर देंगे...!!2.अपने क़िरदार पर इतना तो यक़ीन है हमें...धोख़ा देने वाले भी रोते होंग...

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अनमोल मोती By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी आसान नही होती, आसान बनाना पड़ता है।कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नज़र - अन्दाज़ से।2.कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते... चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं... कोई नह...

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ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है) By DINESH KUMAR KEER

1.ऐ ज़िंदगी...तेरी नाराजगी से क्या होगा,मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!2.मुझे परवाह नहीं किलोग क्या कहते हैं, मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैंलोगो से नही...!!3.चर्चाये खास ह...

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History of Kashmir.... - 5 By pooja

चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त कर प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहल...

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महात्मा और गांधी By Dr Mukesh Aseemit

महात्मा और गांधी रात सपने में गांधी जी ने दर्शन दिए । सच पूछो तो मैंने पहचाना नहीं ,न तो चश्मा..,न लाठी.., धोती भी फटी हुई,साथ में तीन बन्दर भी नहीं  थे , चरखा भी नहीं  ,बताओ भला क...

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हमदर्दियाँ By DINESH KUMAR KEER

1.पहचान नहीं करनी पड़ती, घटिया लोगों की वक्त आने पर ये खुद अपनी पहचान करवा देते है ।।2.दूरियों में ही परखे जाते है रिश्तेवरना "आंखों" के सामने तो सभी वफादार होते है।।3.हमदर्दियाँ फ...

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क्या आपको भी वो ही शख्स याद आ रहा है जो मुझे? By Review wala

(क्या आपको और मुझे एक ही शख्स याद आ रहा है इसे पढ़ कर?) जब कोई दर्द से चिल्लाएगा,तुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई भूख से मर जायेगातुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई बीमारी से तडपायेगातुमको...

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घूंघट के पट खोल By Dr Mukesh Aseemit

मैं कुछ अति मित्रता प्रेमी किस्म का बंदा हूँ, जल्दी से फेसबुक पर अपने 5K का टारगेट रीच करना चाहता हूँ, ताकि मेरा पेज भी पब्लिक फिगर बन जाए। सच पूछो तो कुछ सेलिब्रिटी जैसी फीलिंग आत...

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कोई लौट के आया है By DINESH KUMAR KEER

1.दिल का क्या है कहीं भी लग जाए तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए2.ना देख मैरी आंखों की गहराइयांख़ामोश लबों पे हैं मैरे तन्हाइयां3.रोता रहा फूल... तन्हाई में रात भर,और लोग ओस कहकर...

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एहसास ए मोहब्बत By DINESH KUMAR KEER

1.इंसान दुख के साथ जी सकता है...लेकिन घुटन के साथ नही...2.रिश्ते गहरे हो यां ना हो...विश्वास गहरा होना चाहिए...3.इतनी घमंड किस बात की शमशान सिर्फ एक कफन ही जाएगी4.मैं किसी के लिए ब...

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अनजान दर्द By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी सँवारने के लिये तो सारी ज़िन्दगी पड़ी हैचलो वो लम्हा सँवार लेते है जहाँ आज ज़िंदगी खड़ी है2.रूह की सुंदरता का अहसास, आंखो से नही दिल से कीजिये...!3.अकड़ उन लोगों के लिए रख...

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रिश्ता तो हमारा था By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है उसके माथे को चूम लेने का! उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का। उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का। दरअसल प्र...

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कोई मेरा अपना है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी हर अदा का आइना तुझसे से है, मेरी हर मंजिल का रास्ता तुझसे है, कभी दूर न होना मेरी जिंदगी से, मेरी हर ख़ुशी का वास्ता तुझसे है... 2.मै और मेरे हम - उम्र ख़याल अक्सर सरगोशी करत...

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दोहें का साहित्यिक विवेचन - 2 By Sonu Kasana

तेरा मेरा सब कहें,सब का कहे ना कोई।जो सबको सबका कहे, प्रभु प्यारा सोई।।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।।@ इस दोहे में एक गूढ़ दार्शनिक और आध्यात्मिक संदेश है। यहाँ "तेरा" और "मेरा" के...

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टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5 By Sonu Kasana

प्राचीन भारत का एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम था *तुनकपुर*। गाँव के अधिकतर लोग मांसाहारी थे। वहाँ के लोग अपने रीति-रिवाजों और आदतों में रचे बसे थे और बिना मांस के भोजन की कल्पना भी...

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इश्क की अदालत By DINESH KUMAR KEER

1.महसूस खुद को तुझ से अलग... मैंने कभी किया ही नहीं... तू क्या जाने कोई भी लम्हा ... तेरे बिना मैंने कभी जिया ही नहीं...!!2.किस किस को बताऊं हाल मेरासुबह उठते ही आ जाता है ख्याल ते...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 5 By नीतू रिछारिया

मां की भावनाओं का गर्भ में बच्चे के डेवलपमेंट पर प्रभाव—संतान की प्रथम शिक्षिका माँ ही होती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि आदर्श माताएँ अपनी संतान को श्रेष्ठ एवं आदर्श बना देती...

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निगाह ऐ इश्क (हम तुम्हें ही देखते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1."मैं नहीं चाहती वो मेरे बुलाने से आएमैं चाहती हु वो रह ना पाए और बहाने से आए" 2.बड़े इत्मीनान से बैठे हो ख्याल किसका हैहाल अच्छा है तेरा तो बुरा हाल किसका हैबहुत खुश हो चेहरे पे...

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चेहरा खिलता है (मोहब्बत में) By DINESH KUMAR KEER

1.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या...गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...2.तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर,वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर...3.माथा तो लाओ चूम लूं...

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दो पल की खुशी By DINESH KUMAR KEER

1.तुमने पूछा था ना मेरे लिए कौन हो तुम... तो सुनो इस स्वार्थी जीवन में निःस्वार्थ प्रेम हो तुम... 2.सौ तरह के रोग ले लूँ इश्क़ का मर्ज़ क्या है... तू कहे तो जान दे दूँ कहने में हर्ज़...

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ये दिल है (मुहब्बत का प्यासा) By DINESH KUMAR KEER

1.तुझे सोचकर कर ही हर...एहसास जी लेते हैं हम... तेरा ख्याल किसी... यादगार मुलाकात से कम नही...2.मेरे ख़्वाबों को इजाज़त नहीं है,तेरे सिवा किसी और को देखने की3.एहसास करा देती है रूह...

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लम्बा सफर हैं - मोहब्बत का By DINESH KUMAR KEER

1.जी करता है तुम्हें जी भर के देखूँ... लेकिन माशाअल्लाह ये है जी भरेगा कब...2.ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन,तुम्हें याद करते - करते एक और चाय तुम्हारे बिन... 3.आँखो में आ...

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अनसुनी दास्तां..... 1 By pooja

देश-दुनिया में नए साल का जश्न मनाया जा रहा था। तभी दोपहर में कन्नड़ सिनेमा की एक एक्ट्रेस घबराई हुई चेन्नई के राजामंगलम पुलिस स्टेशन आ पहुंची। अफसर को देखते ही एक्ट्रेस बोली- मैंने...

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बड़े अजनबी से लगते हो By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी रूह तरसती हैतेरी खुसबू के लिए कहीं और जो महकोतो बुरा लगता है 2.फूल रस्मों की खातिर न लाइये...फूल खिल जायेंगे बस आप आ जाईये...3.बहुत हुई ये तारीफ़े.. तुम छोड़ो अब पहले इतना ब...

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इश्क़ की ख़ुशबू By DINESH KUMAR KEER

1.बहुत खूबसूरती देखी पर न जाने क्यूं तुम्हारी सादगी और मासूमियत जैसी खुबसूरती कहीं और दिखती ही नही...2.छुपाऊ तो छुपाऊ कहाँ...ये चेहरे पर फैली हया... तेरे नाम लेने से ही जो...रूखसार...

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सोते-सोते जग गए। By Sonu Kasana

।। दोहा विवचन।।सोते-सोते जग गए जाग कर फिर गए सो ।यह जीवन नर पशु का है तू ऐसा मत हो। ।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।यह दोहा "सोते-सोते जग गए, जाग कर फिर गए सो / यह जीवन नर पशु का...

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तुम से कह दूं सारी बातें By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम लौटता ही है।हजार गुना होकर लौटता है।इसकी भी फिकर मत करो किइस आदमी को दिया तो यही लौटाए।कहीं से लौट आएगा, हजार गुनाहोकर लौट आएगा, तुम फिकर मतकरो। प्रेम लौटता ही है।अगर न लौट...

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कुछ बातें (दिल को सुकून) By DINESH KUMAR KEER

1.उसके चेहरे को तुमने ठीक से देखा ही नहीं पांच झीलों के बराबर तो फक्त आंखें हैं2.मैंने कहीं कोई मन्नत का धागा नहीं बांधा है... बस तुम्हारे हृदय की दहलीज पर अपना मन बांधा है... 3.सु...

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खड़े होने वाला विकास By Review wala

"आप क्यों खड़े हो रहे हैं?"वो " क्योंकि बैठने मे कष्ट होता है "मै.. किसने खड़ा किया आपको? "वो.." खुद ही खड़ा हूं "मै " क्या piles आदि है क्या?"वो " पांच साल बैठा रहा,वो तो होगा ही...

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अधूरी सी कहानी दिल की By DINESH KUMAR KEER

1.वो अनिवार्य थीछोड़ी न गईमैं विकल्प थाखाली छोड़ा गया2.अंदाजा मेरी मोहब्बत का सब लगा लेते हैजब तुम्हारा नाम सुन कर में मुस्कुरा देता हूं!3.बंद लिफाफे में रखी चिट्ठी सी है ये जिंदगी...

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मुलाकात (तड़प बिछोह की) By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी की हर सुबह की पहली किरण हो तुम,बीते लम्हों की हर याद का सहारा हो तुम।दिल में बसी है तुम्हारी मिठास का ख्वाब,मेरी हर खुशी का सच्चा इज़हार हो तुम।। 2.इस दिल का एक कहा मानो...

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मन की बात (मेरे जज़्बात) By DINESH KUMAR KEER

1.बिना उम्मीद के प्रेम करो एक दूसरे से जनाब...!क्या पता एक दिन इश्क़ मुक्कमल हो जाए...!!2.यूँ तो उल्फत के तकाज़े बहुत, एक वो ज़ालिम बहुत,एक हम ज़िद्दी बहुत... 3.जुल्फें हैं आज बगाव...

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तेरे बिन जिया जाए ना By DINESH KUMAR KEER

1.तेरी गंगा सी पावन प्रीत से,शाम मेरी पारस हो गई। डुबकी जो लगाई रूह ने,शाम - ए - ज़िंदगी बनारस हो गई।।2.जिस एहसास को अल्फाज़ न मिलेउससे खूबसूरत कोई एहसास नहीं3.किसी स्त्री ने देख ल...

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पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह - बातें जो कही नहीं गईं By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षाकाव्य संग्रह - "बातें जो कही नहीं गईं"                            समीक्षक = सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उ.प्र.)     सरल सहज मृदुभाषी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की "बातें...

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निर्मला By DINESH KUMAR KEER

1.दोस्तकिशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ बँटाता था, पर मोती सिर्फ गाँव के दोस्तों के साथ घूमता और मौज मस्ती करता था।गेहूँ की फसल...

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मुझे बड़ी अच्छी लगी By DINESH KUMAR KEER

1.बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद मेंमुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है2.जताती कभी... छुपाती कभी... चूमती कभी,मुस्कुराहटें तुम्हारी हैं बदमाश बहुत…3.मुझे बड़ी अच्छी लगी उसकी...

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भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 3 By Sonu Kasana

भारत को ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक 2008 के बीजिंग ओलंपिक में मिला। यह पदक अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में जीता था। इस जीत के साथ, अभिनव बिंद्रा भारत के पहले व्यक्ति...

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लागी तुमसे मन की लगन By DINESH KUMAR KEER

1.हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करेंदिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करेंतर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करेंसर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हम...

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खत लिखने की ख्वाहिश By DINESH KUMAR KEER

1.खत लिखने की ख्वाहिश थी मेरी ।ना कलम ने साथ दिया ना शब्दों ने शमां बांधा ।2.कभी फुरसत में अपनी कमियों पर गौर करनादूसरों का आईना बनने की ख्वाहिश मिट जाएगी3.फ़ैसला लिखा हुआ रखा है प...

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बहती आँखों का दरिया By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ खूबसूरत रास्तों के नसीब में... मुसाफिर नहीं होते,कुछ होते हैं अपने...मगर साथ नहीं होते! 2.कभी भी लोगो कोहराने की कोशिश मत करोबस उनका दिल जीतो 3.आज के समय रिश्ते बनाए बहुत सोच...

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तुमने आवाज दी By DINESH KUMAR KEER

1.नेकियाँ खरीदी हैं हमने अपनी शोहरतें गिरवी रखकर... कभी फुर्सत में मिलना ऐ ज़िन्दगी तेरा भी हिसाब कर देंगे...!!2.अपने क़िरदार पर इतना तो यक़ीन है हमें...धोख़ा देने वाले भी रोते होंग...

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अनमोल मोती By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी आसान नही होती, आसान बनाना पड़ता है।कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नज़र - अन्दाज़ से।2.कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते... चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं... कोई नह...

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ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है) By DINESH KUMAR KEER

1.ऐ ज़िंदगी...तेरी नाराजगी से क्या होगा,मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!2.मुझे परवाह नहीं किलोग क्या कहते हैं, मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैंलोगो से नही...!!3.चर्चाये खास ह...

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History of Kashmir.... - 5 By pooja

चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त कर प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहल...

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महात्मा और गांधी By Dr Mukesh Aseemit

महात्मा और गांधी रात सपने में गांधी जी ने दर्शन दिए । सच पूछो तो मैंने पहचाना नहीं ,न तो चश्मा..,न लाठी.., धोती भी फटी हुई,साथ में तीन बन्दर भी नहीं  थे , चरखा भी नहीं  ,बताओ भला क...

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हमदर्दियाँ By DINESH KUMAR KEER

1.पहचान नहीं करनी पड़ती, घटिया लोगों की वक्त आने पर ये खुद अपनी पहचान करवा देते है ।।2.दूरियों में ही परखे जाते है रिश्तेवरना "आंखों" के सामने तो सभी वफादार होते है।।3.हमदर्दियाँ फ...

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क्या आपको भी वो ही शख्स याद आ रहा है जो मुझे? By Review wala

(क्या आपको और मुझे एक ही शख्स याद आ रहा है इसे पढ़ कर?) जब कोई दर्द से चिल्लाएगा,तुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई भूख से मर जायेगातुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई बीमारी से तडपायेगातुमको...

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घूंघट के पट खोल By Dr Mukesh Aseemit

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कोई लौट के आया है By DINESH KUMAR KEER

1.दिल का क्या है कहीं भी लग जाए तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए2.ना देख मैरी आंखों की गहराइयांख़ामोश लबों पे हैं मैरे तन्हाइयां3.रोता रहा फूल... तन्हाई में रात भर,और लोग ओस कहकर...

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एहसास ए मोहब्बत By DINESH KUMAR KEER

1.इंसान दुख के साथ जी सकता है...लेकिन घुटन के साथ नही...2.रिश्ते गहरे हो यां ना हो...विश्वास गहरा होना चाहिए...3.इतनी घमंड किस बात की शमशान सिर्फ एक कफन ही जाएगी4.मैं किसी के लिए ब...

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अनजान दर्द By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी सँवारने के लिये तो सारी ज़िन्दगी पड़ी हैचलो वो लम्हा सँवार लेते है जहाँ आज ज़िंदगी खड़ी है2.रूह की सुंदरता का अहसास, आंखो से नही दिल से कीजिये...!3.अकड़ उन लोगों के लिए रख...

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रिश्ता तो हमारा था By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है उसके माथे को चूम लेने का! उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का। उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का। दरअसल प्र...

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कोई मेरा अपना है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी हर अदा का आइना तुझसे से है, मेरी हर मंजिल का रास्ता तुझसे है, कभी दूर न होना मेरी जिंदगी से, मेरी हर ख़ुशी का वास्ता तुझसे है... 2.मै और मेरे हम - उम्र ख़याल अक्सर सरगोशी करत...

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दोहें का साहित्यिक विवेचन - 2 By Sonu Kasana

तेरा मेरा सब कहें,सब का कहे ना कोई।जो सबको सबका कहे, प्रभु प्यारा सोई।।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।।@ इस दोहे में एक गूढ़ दार्शनिक और आध्यात्मिक संदेश है। यहाँ "तेरा" और "मेरा" के...

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टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5 By Sonu Kasana

प्राचीन भारत का एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम था *तुनकपुर*। गाँव के अधिकतर लोग मांसाहारी थे। वहाँ के लोग अपने रीति-रिवाजों और आदतों में रचे बसे थे और बिना मांस के भोजन की कल्पना भी...

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इश्क की अदालत By DINESH KUMAR KEER

1.महसूस खुद को तुझ से अलग... मैंने कभी किया ही नहीं... तू क्या जाने कोई भी लम्हा ... तेरे बिना मैंने कभी जिया ही नहीं...!!2.किस किस को बताऊं हाल मेरासुबह उठते ही आ जाता है ख्याल ते...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 5 By नीतू रिछारिया

मां की भावनाओं का गर्भ में बच्चे के डेवलपमेंट पर प्रभाव—संतान की प्रथम शिक्षिका माँ ही होती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि आदर्श माताएँ अपनी संतान को श्रेष्ठ एवं आदर्श बना देती...

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निगाह ऐ इश्क (हम तुम्हें ही देखते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1."मैं नहीं चाहती वो मेरे बुलाने से आएमैं चाहती हु वो रह ना पाए और बहाने से आए" 2.बड़े इत्मीनान से बैठे हो ख्याल किसका हैहाल अच्छा है तेरा तो बुरा हाल किसका हैबहुत खुश हो चेहरे पे...

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चेहरा खिलता है (मोहब्बत में) By DINESH KUMAR KEER

1.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या...गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...2.तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर,वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर...3.माथा तो लाओ चूम लूं...

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दो पल की खुशी By DINESH KUMAR KEER

1.तुमने पूछा था ना मेरे लिए कौन हो तुम... तो सुनो इस स्वार्थी जीवन में निःस्वार्थ प्रेम हो तुम... 2.सौ तरह के रोग ले लूँ इश्क़ का मर्ज़ क्या है... तू कहे तो जान दे दूँ कहने में हर्ज़...

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ये दिल है (मुहब्बत का प्यासा) By DINESH KUMAR KEER

1.तुझे सोचकर कर ही हर...एहसास जी लेते हैं हम... तेरा ख्याल किसी... यादगार मुलाकात से कम नही...2.मेरे ख़्वाबों को इजाज़त नहीं है,तेरे सिवा किसी और को देखने की3.एहसास करा देती है रूह...

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लम्बा सफर हैं - मोहब्बत का By DINESH KUMAR KEER

1.जी करता है तुम्हें जी भर के देखूँ... लेकिन माशाअल्लाह ये है जी भरेगा कब...2.ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन,तुम्हें याद करते - करते एक और चाय तुम्हारे बिन... 3.आँखो में आ...

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अनसुनी दास्तां..... 1 By pooja

देश-दुनिया में नए साल का जश्न मनाया जा रहा था। तभी दोपहर में कन्नड़ सिनेमा की एक एक्ट्रेस घबराई हुई चेन्नई के राजामंगलम पुलिस स्टेशन आ पहुंची। अफसर को देखते ही एक्ट्रेस बोली- मैंने...

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बड़े अजनबी से लगते हो By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी रूह तरसती हैतेरी खुसबू के लिए कहीं और जो महकोतो बुरा लगता है 2.फूल रस्मों की खातिर न लाइये...फूल खिल जायेंगे बस आप आ जाईये...3.बहुत हुई ये तारीफ़े.. तुम छोड़ो अब पहले इतना ब...

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इश्क़ की ख़ुशबू By DINESH KUMAR KEER

1.बहुत खूबसूरती देखी पर न जाने क्यूं तुम्हारी सादगी और मासूमियत जैसी खुबसूरती कहीं और दिखती ही नही...2.छुपाऊ तो छुपाऊ कहाँ...ये चेहरे पर फैली हया... तेरे नाम लेने से ही जो...रूखसार...

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सोते-सोते जग गए। By Sonu Kasana

।। दोहा विवचन।।सोते-सोते जग गए जाग कर फिर गए सो ।यह जीवन नर पशु का है तू ऐसा मत हो। ।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।यह दोहा "सोते-सोते जग गए, जाग कर फिर गए सो / यह जीवन नर पशु का...

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तुम से कह दूं सारी बातें By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम लौटता ही है।हजार गुना होकर लौटता है।इसकी भी फिकर मत करो किइस आदमी को दिया तो यही लौटाए।कहीं से लौट आएगा, हजार गुनाहोकर लौट आएगा, तुम फिकर मतकरो। प्रेम लौटता ही है।अगर न लौट...

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कुछ बातें (दिल को सुकून) By DINESH KUMAR KEER

1.उसके चेहरे को तुमने ठीक से देखा ही नहीं पांच झीलों के बराबर तो फक्त आंखें हैं2.मैंने कहीं कोई मन्नत का धागा नहीं बांधा है... बस तुम्हारे हृदय की दहलीज पर अपना मन बांधा है... 3.सु...

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खड़े होने वाला विकास By Review wala

"आप क्यों खड़े हो रहे हैं?"वो " क्योंकि बैठने मे कष्ट होता है "मै.. किसने खड़ा किया आपको? "वो.." खुद ही खड़ा हूं "मै " क्या piles आदि है क्या?"वो " पांच साल बैठा रहा,वो तो होगा ही...

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अधूरी सी कहानी दिल की By DINESH KUMAR KEER

1.वो अनिवार्य थीछोड़ी न गईमैं विकल्प थाखाली छोड़ा गया2.अंदाजा मेरी मोहब्बत का सब लगा लेते हैजब तुम्हारा नाम सुन कर में मुस्कुरा देता हूं!3.बंद लिफाफे में रखी चिट्ठी सी है ये जिंदगी...

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मुलाकात (तड़प बिछोह की) By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी की हर सुबह की पहली किरण हो तुम,बीते लम्हों की हर याद का सहारा हो तुम।दिल में बसी है तुम्हारी मिठास का ख्वाब,मेरी हर खुशी का सच्चा इज़हार हो तुम।। 2.इस दिल का एक कहा मानो...

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मन की बात (मेरे जज़्बात) By DINESH KUMAR KEER

1.बिना उम्मीद के प्रेम करो एक दूसरे से जनाब...!क्या पता एक दिन इश्क़ मुक्कमल हो जाए...!!2.यूँ तो उल्फत के तकाज़े बहुत, एक वो ज़ालिम बहुत,एक हम ज़िद्दी बहुत... 3.जुल्फें हैं आज बगाव...

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तेरे बिन जिया जाए ना By DINESH KUMAR KEER

1.तेरी गंगा सी पावन प्रीत से,शाम मेरी पारस हो गई। डुबकी जो लगाई रूह ने,शाम - ए - ज़िंदगी बनारस हो गई।।2.जिस एहसास को अल्फाज़ न मिलेउससे खूबसूरत कोई एहसास नहीं3.किसी स्त्री ने देख ल...

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