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जीवन मे सफलता के सिंद्धान्त प्रतिस्पर्धा एव धैर्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य---प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी मीत है, जिंदगी खुद की है ,जिंदगी खुद की दुश्मन भी है ।तात्प...

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वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वैचारिक ऊर्जा जीवन दर्शन कि सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से लेकर उसके परिणाम की ऊर्जा उत्साह ईश्वरीय चेतना का सत्त्यार...

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हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना---1-हिंदी कविताओं में राष्ट्रीय भक्ति भवना--राष्ट्रीय चेतना प्रेम एव राष्ट्रिय भावना ही राष्ट्रीयता कहलाती है राष्ट्रीयता प्रभाव शाली राष्ट्रीयता का भाव है...

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संस्कारिक क्रांति का शंखनाद By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत कि मूल संस्कृति के संस्कारिक क्रांति का शंखनाद स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री के उदगार - छिहत्तरवे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मं...

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वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतीयां एव समाधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतियां एव समाधान -लोक तंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार महत्वपूर्ण क्रांतियों की मुख्य भूमिका है- 1-1668 में इंग्लैंड की रक्तह...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

स्वातंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य की विविध आयाम - (क)-उपन्यास क्या है-उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है इस विधा का हिंदी में प्रदुर्भाव अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव के रूप...

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आस्था एव श्रद्धा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था एवं श्रद्धा -आस्था अर्थात अनुभूति का याथार्त आस्था अस्तित्व का वह बोध जो स्वयं के होने के प्रमाण जैसा होता है ।आस्था वह भाव है जो किसी भी अंतर को समाप्त कर एक नई अभिव्यक्ति क...

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श्रद्धा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, आज मी अशाविषयावर माझे मनोगत मांडणार आहे, जोविषय तुमचा माझ्या आणि आपल्यासगळ्या भारतीय बांधवांचाशी निगड़ित आहे आणि असणार. हा विषय आपल्या सगळ्यांच्या ओळखीचा आहे. तो...

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नशा नाश का मार्ग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नशा या नाश का मार्ग - भाग तीनमदिरा, शराब ,वाइन ,लीकर,दारू समय के साथ साथ बदलते नाम लेकिन प्रकृति में कोई बदलाव नही मदिरा महाराज,यानी राजा मतलब सपन्न व्यक्ति के लिये हो सकता है शक्त...

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समाचार जहात में लेख By Yashwant Kothari

आज के दैनिक समाचार जगत के साप्ताहिक स्तम्भ ढूँढाड़ के सर्जक में प्रकाशित मन को झकझोरने वाली तथा असंगतियों पर प्रहार करने वाले व्यंग्य लेखन रचनाकार, शब्द शिल्पी : यशवंत कोठारी आलेख...

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गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड --2 मेरा सं 2018 में व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ था, ``महिला चटपटी बतकहियाँ `.मुझे नहीं पता गुजरात से हिंदी में किसी महिला का व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ है। हर्ष की बात एक और ह...

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ज्योतिष एवं स्वप्न विवेचना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना--मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योति...

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SOCIAL MEDIA AND EMOTIONAL SKILLS OF INDIAN YOUTH By Arya Tiwari

This article discusses the potential effects of social media use on the social and emotional skills of young users in India. It covers what makes social media so powerful and how o...

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भारत मे शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

--- *भारत में शिक्षा * ---- 1- *शिक्षा का महत्व* ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही न...

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भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत---भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्...

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ચિતન,પાળીયા .. By Manjibhai Bavaliya મનરવ

સુરા પુરાને પાળીયા,આપણું લોક સાહિત્ય અને લોક જીવન માં કસ રહેલો હોય છે .આપણા ખમીર અને ગૌરવ એ આપણી સંસ્કૃતિ ની આગવી વિશેષતા ઓ રહેલી છે .આપણા ઈતિહાસની ગૌરવ ગાથા આજના જમાનામાં પણ અડીખમ...

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अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 By संदीप सिंह (ईशू)

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, विशेष कला, स्वार्थ, साम, दाम, लोभ, दंड, भेद इत्यादि सब से परे जा कर एकाग्रचित...

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पंडित राहुलसंस्कृत्यायन एव बौद्ध दर्शन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पण्डित राहुल सांकृत्यायन एव बौद्ध दर्शन-----जीवन परिचय-----पंडित राहुल सांकृत्यायन को उनकी अन्वेषी प्रबृत्ति उन्हें घुमक्कड़ बनाती विश्व के अनेक संस्कृतियों भाषाओं एव परिवेश को आकर्...

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संत कबीर सत्य के प्रतीक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता के जाग्रत परिभाषक़ एवं जन्म जीवन की सार्थकता के क्रम भाष्य थे कबीर को स...

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धैर्य कि दृष्टि धनपत राय कि लेखनी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय की लेखनी -मुंशी प्रेम चन्द्र जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव मे एक सम्पन्न कायस्थ परिवार में हुआ था ।प्रेम चन्द्र जी उपन्यासकार कहानीकार व...

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अवनि चेतना स्त्री नारी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - अवनि चेतना स्त्री नारीअवधारणा एवं स्वरूप -साहित्यिक आंदोलन जिसमे स्त्री कि गरिमा महिमा मर्यादा के सापेक्ष एकात्म भाव से स्त्री साहित्य कि रचना कि जाती है जिसमें स्त्री अस्...

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धर्म औऱ संविधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्म और संविधान--व्यक्ति समाज और राष्ट्र कि जीवन पद्धति आचार,व्यवहार ,संस्कृति ,संस्कार उस राष्ट्र समाज कि धार्मिंक पहचान होती है या मानी जाती है ।धर्म भाव भावना यूँ कहें आस्था है...

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भारत मे नारी अस्तित्व को खतरा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारत मे नारी के अस्तित्व को खतरा--- सन 713 ईस्वी में भारत मे प्रथम बार प्रथम इस्लामिक प्रवेश हुआ जो संयोग कहा जाय या दुर्भाग्य जिससे भारत मे आंशिक गुलामी कि नींव रखी जिसके कारण इ...

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भारत की स्वतंत्रता के बिभिन्न आयाम एव नारी शक्ति का योगदान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - भारत की स्वतंत्रता के विभिन्न आयाम एवं नारी शक्ति का योगदान -संदर्भ -किसी भी युग मे किसी भी समाज का अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना नारी शक्ति के अध...

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Me Too By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, काय म्हणता, कसे काय चालले आयुष्य. मित्रांनो, मला आज एका अशा विषयावर माझे मत मांडायचे आहे, जो विषय जर मी उचलला तर होऊ शकते मला तुम्ही खासकरून माझा आया, बहिणी, मैत...

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गुरुकुल शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

गुरुकुल शिक्षा - परम्परा एवं सर्वश्रेष्ठ शिष्य - प्रारंभिक शिक्षा का ऐसा केंद्र जहां विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरु परिवार का आवश्यक हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता था।।गुरुकुल...

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भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एव इतिहास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत की स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास -भारत अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है जिसके उपलक्ष में भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर विशेष आयोजन किए जा...

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ડાયવર્ઝન.. By Sneha Makvana

રોડ રસ્તા બનતા હોય તો ત્યાં કોઈ ગાડી આગળ ન જાય એમના માટે આગળ બોર્ડ લગાવેલું હોય ને ત્યાં લખેલું હોય ડાયવર્ઝન. એટલે બધા વાહનચાલકોને ખબર પડે કે ડાયવર્ઝન નું બોર્ડ લગાવેલ છે એટલે ગાડી...

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आचार्य श्रेष्ठ विद्या सागर जी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-आचार्य श्रेष्ठ विद्यसगर जी --जैन मुनि विद्यासागर जी दिगम्बर जैन परम्परा के तेजस्वी ओजस्वी धर्म धुरी ध्वज है जिन्होंने अपनी विद्वता तपस्या तेज से धर्म को नए आयाम में परिभाषित किया...

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साहित्य संस्कृति एव सिनेमा के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

साहित्य संस्कृति एवं सिनेमा के विविध आयाम -संस्कृति - 1-संस्कृति किसी समाज मे गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्र स्वरूप का नाम है जो ज़मा जो समाज के सोचने विचारने कार्य करने के स्वरूप...

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गोरखपुर एव आज़ादी का संघर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आजादी का अमृत महोत्सव गोरखपुर की आजादी संघर्षमें भूमिका एव महत्व---गोरखपुर का अतीत वर्तमान भूगोल एव इतिहास आईने में---- गोरखपुर में आजादी के संघर्ष के दौरान बस्ती ,देवरिया, आजमगढ़ ए...

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भग्यवान कृष्ण महारथी कर्ण एव सूफी संत कबीर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगवान कृष्ण महारथी कर्ण एवं सूफी संत कबीर -सूफी संत कबीर संत परम्परा के ऐसी कड़ी जो निराकार ब्रह्म को ब्रह्मांडीय कल्पना का सत्त्यार्थ बताते है जबकी उनकी मान्यताओं का आधार भगवत गीता...

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कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कृष्ण काव्य धारा एवं हिन्दी साहित्य -लीला रूप सौंदर्य और प्रेम का जैसा चित्रण किया है कृष्ण काव्य का सर्वश्रेष्ठ सृजन शील स्वर सुर दास जी है ।सरस संगीत और गीतात्मक सौंदर्य के साथ क...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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જિંદગીની રમત ( મોબાઈલ) By Sneha Makvana

માણસને માણસ સાથે ફાવતું નથી અને માણસવિના ગમતું પણ નથી. આપણે સૌ ખરેખર કેવા વિરોધભાસ માંથી પસાર થતા હોઈએ છીએ. ક્યારેક એમ થાય કે એકાંત જોઈએ છે. તો ક્યારેક એમ થાય કે લોકો નો સંગાથ જોઈએ...

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સર્જક સાહિત્ય અંતતરંગ By Manjibhai Bavaliya મનરવ

ભાષા કાર એટલે વાણી અને શબ્દનો આરાધક તે તેની વાણી સદા અવિરત જન કલ્યાણ અર્થે સતત વહાવ્યાજ કરે ,કય પણ તેના એ નીજી સારસ્વત દેહથી .તેમના એ મુલ્યને સમજતા જણો એ તેમનો મુખ્ય આધાર રુપ હોય છ...

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गप्पा By Kalyani Deshpande

गप्पा कोणालाही कोणत्याही वयात कोणत्याही विषयावर करायला आवडतात,सगळे परिचित एकत्र जमले की क्षणात गप्पा सुरु होतात. लहानपणी खेळाच्या मैदानात मारलेल्या गप्पा, बगिच्यात खेळताना मारलेल्य...

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मृगजळ By Kalyani Deshpande

मृगजळाचे उदाहरण द्यायचे झाले तर या जगा पेक्षा उत्तम उदाहरण होऊच शकत नाही. मृगजळ म्हणजे आभासी पाणी जे वाळवंटात दिसते आणि ज्याला भुलून तृष्णेने व्याकुळ झालेले लोकं,पशु,हरणं त्याच्या...

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अध्यात्म By Kalyani Deshpande

अध्यात्म म्हणजे काय? अध्यात्म म्हणजे आत्म्याचा अभ्यास,अध्ययन करण्याचे शास्त्र. मी म्हणजे हे नश्वर शरीर नसून,मी म्हणजे आत्मा आहे असं शिकविणारे शास्त्र. दैनंदिन जीवनात आपण म्हणतो माझ...

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दृढ इच्छाशक्ती By Kalyani Deshpande

दृढ इच्छाशक्ती म्हणजे कुठलेही ध्येय गाठण्याची तीव्र इच्छा आणि त्यासोबत केलेली प्रयत्नांची पराकाष्ठा. मी अमुक अमुक होणारच, मी ह्या संकटातून सही सलामत सुटणारच, मी माझ्या आजारावर विजय...

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लग्न By Kalyani Deshpande

लग्न ही अशी गोष्ट आहे, जी करणारा ही पस्तावतो आणि न करणाराही पस्तावतो. लग्न केल्यावर बऱ्याच जणांना वाटते की आपण लग्नाची उगीच घाई केली,थोड थांबलो असतो तर बरं झालं असतं.आणि ज्याच लग्न...

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माझी मराठी By Kalyani Deshpande

माझी मराठी**********'माझा मराठीची बोलू कौतुके। परि अमृतातेहि पैजा जिंके।' ही ओवी ज्ञानेश्वरीत संत ज्ञानेश्वर महाराजांनी लिहिलेली आहे. त्याचा अर्थ असा आहे की माझ्या मराठीचे...

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अनुपयोगी पदार्थो की बढ़ती समस्या By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी इन दिनों विश्व भर में अनुपयोगी पदार्थों की समस्या तेजी से बढ़ रही है । इन अपशिष्ट पदार्थों में दूषित जल, हवा, प्लास्टिक व इनसे बने उपकरण, धातुगत अपशिष्ट पदार्थ, उर्बरक...

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સ્ત્રી ભણેલી સારી કે અભણ???? By Chandni Virani Vasoya

સ્ત્રી ભણેલી સારી કે અભણ????ઉપરનું પહેલું વાક્ય વાંચીને જ તમે કદાચ 2 શબ્દ ખરાબ કહી દિધા હશે કા પછી મોઢાના હાવભાવ બગડી ગયા હશે. હું પણ તમારી જેમ સ્ત્રી છું અને કોઈ મને આવું કહે તો મ...

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Semitic Censure Of Sanatana Dharma, Or The Pot Calling The Kettle Black By BS Murthy

Semitic Censure Of Sanatana Dharma, Or The Pot Calling The Kettle Black By BS Murthy Unmindful of the old adage, when you point a finger at someone else, there are three pointing b...

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Basic Structure of the Indian Constitution By BS Murthy

Basic Structure of the Indian Constitution - The Case of a Square Peg in the Round Hole  By BS Murthy When Hindustan was partitioned on the basis of the Hindu-Muslim religious...

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एक देश-एक चुनाव By Arya Tiwari

एक देश-एक चुनाव समय की मांग केंद्र सरकार ने एक देश - एक चुनाव की परिकल्‍पना को मूर्त रूप देने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम बढ़ा़या है। इसके लिए समिति का गठन कर पूर्व राष्‍ट्रपति श्र...

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Bhout Naath By Mehdi Alam

আমি বললাম— কেন পারবি না?ও বললো— জানি না…।আমি বললাম— তার মানে তুই বিয়েই করবি না?ও আমার মাথা ওর কোল থেকে তুলে দিলো… তারপর উল্টা দিকে মুখ ঘুরিয়ে বললো— কখনোই করবো না… না মানে না!!এই সু...

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जीवन मे सफलता के सिंद्धान्त प्रतिस्पर्धा एव धैर्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य---प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी मीत है, जिंदगी खुद की है ,जिंदगी खुद की दुश्मन भी है ।तात्प...

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वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वैचारिक ऊर्जा जीवन दर्शन कि सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से लेकर उसके परिणाम की ऊर्जा उत्साह ईश्वरीय चेतना का सत्त्यार...

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हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना---1-हिंदी कविताओं में राष्ट्रीय भक्ति भवना--राष्ट्रीय चेतना प्रेम एव राष्ट्रिय भावना ही राष्ट्रीयता कहलाती है राष्ट्रीयता प्रभाव शाली राष्ट्रीयता का भाव है...

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संस्कारिक क्रांति का शंखनाद By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत कि मूल संस्कृति के संस्कारिक क्रांति का शंखनाद स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री के उदगार - छिहत्तरवे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मं...

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वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतीयां एव समाधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतियां एव समाधान -लोक तंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार महत्वपूर्ण क्रांतियों की मुख्य भूमिका है- 1-1668 में इंग्लैंड की रक्तह...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

स्वातंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य की विविध आयाम - (क)-उपन्यास क्या है-उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है इस विधा का हिंदी में प्रदुर्भाव अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव के रूप...

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आस्था एव श्रद्धा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था एवं श्रद्धा -आस्था अर्थात अनुभूति का याथार्त आस्था अस्तित्व का वह बोध जो स्वयं के होने के प्रमाण जैसा होता है ।आस्था वह भाव है जो किसी भी अंतर को समाप्त कर एक नई अभिव्यक्ति क...

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श्रद्धा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, आज मी अशाविषयावर माझे मनोगत मांडणार आहे, जोविषय तुमचा माझ्या आणि आपल्यासगळ्या भारतीय बांधवांचाशी निगड़ित आहे आणि असणार. हा विषय आपल्या सगळ्यांच्या ओळखीचा आहे. तो...

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नशा नाश का मार्ग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नशा या नाश का मार्ग - भाग तीनमदिरा, शराब ,वाइन ,लीकर,दारू समय के साथ साथ बदलते नाम लेकिन प्रकृति में कोई बदलाव नही मदिरा महाराज,यानी राजा मतलब सपन्न व्यक्ति के लिये हो सकता है शक्त...

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समाचार जहात में लेख By Yashwant Kothari

आज के दैनिक समाचार जगत के साप्ताहिक स्तम्भ ढूँढाड़ के सर्जक में प्रकाशित मन को झकझोरने वाली तथा असंगतियों पर प्रहार करने वाले व्यंग्य लेखन रचनाकार, शब्द शिल्पी : यशवंत कोठारी आलेख...

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गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड --2 मेरा सं 2018 में व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ था, ``महिला चटपटी बतकहियाँ `.मुझे नहीं पता गुजरात से हिंदी में किसी महिला का व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ है। हर्ष की बात एक और ह...

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ज्योतिष एवं स्वप्न विवेचना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना--मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योति...

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SOCIAL MEDIA AND EMOTIONAL SKILLS OF INDIAN YOUTH By Arya Tiwari

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भारत मे शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

--- *भारत में शिक्षा * ---- 1- *शिक्षा का महत्व* ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही न...

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भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत---भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्...

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ચિતન,પાળીયા .. By Manjibhai Bavaliya મનરવ

સુરા પુરાને પાળીયા,આપણું લોક સાહિત્ય અને લોક જીવન માં કસ રહેલો હોય છે .આપણા ખમીર અને ગૌરવ એ આપણી સંસ્કૃતિ ની આગવી વિશેષતા ઓ રહેલી છે .આપણા ઈતિહાસની ગૌરવ ગાથા આજના જમાનામાં પણ અડીખમ...

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अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 By संदीप सिंह (ईशू)

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, विशेष कला, स्वार्थ, साम, दाम, लोभ, दंड, भेद इत्यादि सब से परे जा कर एकाग्रचित...

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पंडित राहुलसंस्कृत्यायन एव बौद्ध दर्शन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पण्डित राहुल सांकृत्यायन एव बौद्ध दर्शन-----जीवन परिचय-----पंडित राहुल सांकृत्यायन को उनकी अन्वेषी प्रबृत्ति उन्हें घुमक्कड़ बनाती विश्व के अनेक संस्कृतियों भाषाओं एव परिवेश को आकर्...

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संत कबीर सत्य के प्रतीक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता के जाग्रत परिभाषक़ एवं जन्म जीवन की सार्थकता के क्रम भाष्य थे कबीर को स...

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धैर्य कि दृष्टि धनपत राय कि लेखनी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय की लेखनी -मुंशी प्रेम चन्द्र जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव मे एक सम्पन्न कायस्थ परिवार में हुआ था ।प्रेम चन्द्र जी उपन्यासकार कहानीकार व...

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अवनि चेतना स्त्री नारी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - अवनि चेतना स्त्री नारीअवधारणा एवं स्वरूप -साहित्यिक आंदोलन जिसमे स्त्री कि गरिमा महिमा मर्यादा के सापेक्ष एकात्म भाव से स्त्री साहित्य कि रचना कि जाती है जिसमें स्त्री अस्...

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धर्म औऱ संविधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्म और संविधान--व्यक्ति समाज और राष्ट्र कि जीवन पद्धति आचार,व्यवहार ,संस्कृति ,संस्कार उस राष्ट्र समाज कि धार्मिंक पहचान होती है या मानी जाती है ।धर्म भाव भावना यूँ कहें आस्था है...

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भारत मे नारी अस्तित्व को खतरा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारत मे नारी के अस्तित्व को खतरा--- सन 713 ईस्वी में भारत मे प्रथम बार प्रथम इस्लामिक प्रवेश हुआ जो संयोग कहा जाय या दुर्भाग्य जिससे भारत मे आंशिक गुलामी कि नींव रखी जिसके कारण इ...

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भारत की स्वतंत्रता के बिभिन्न आयाम एव नारी शक्ति का योगदान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शीर्षक - भारत की स्वतंत्रता के विभिन्न आयाम एवं नारी शक्ति का योगदान -संदर्भ -किसी भी युग मे किसी भी समाज का अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना नारी शक्ति के अध...

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Me Too By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, काय म्हणता, कसे काय चालले आयुष्य. मित्रांनो, मला आज एका अशा विषयावर माझे मत मांडायचे आहे, जो विषय जर मी उचलला तर होऊ शकते मला तुम्ही खासकरून माझा आया, बहिणी, मैत...

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गुरुकुल शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

गुरुकुल शिक्षा - परम्परा एवं सर्वश्रेष्ठ शिष्य - प्रारंभिक शिक्षा का ऐसा केंद्र जहां विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरु परिवार का आवश्यक हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता था।।गुरुकुल...

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भारत कि स्वतंत्रता का वर्तमान एव इतिहास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत की स्वतंत्रता का वर्तमान एवं इतिहास -भारत अपनी आजादी के पचहत्तर वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है जिसके उपलक्ष में भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर विशेष आयोजन किए जा...

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ડાયવર્ઝન.. By Sneha Makvana

રોડ રસ્તા બનતા હોય તો ત્યાં કોઈ ગાડી આગળ ન જાય એમના માટે આગળ બોર્ડ લગાવેલું હોય ને ત્યાં લખેલું હોય ડાયવર્ઝન. એટલે બધા વાહનચાલકોને ખબર પડે કે ડાયવર્ઝન નું બોર્ડ લગાવેલ છે એટલે ગાડી...

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आचार्य श्रेष्ठ विद्या सागर जी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-आचार्य श्रेष्ठ विद्यसगर जी --जैन मुनि विद्यासागर जी दिगम्बर जैन परम्परा के तेजस्वी ओजस्वी धर्म धुरी ध्वज है जिन्होंने अपनी विद्वता तपस्या तेज से धर्म को नए आयाम में परिभाषित किया...

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साहित्य संस्कृति एव सिनेमा के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

साहित्य संस्कृति एवं सिनेमा के विविध आयाम -संस्कृति - 1-संस्कृति किसी समाज मे गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्र स्वरूप का नाम है जो ज़मा जो समाज के सोचने विचारने कार्य करने के स्वरूप...

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गोरखपुर एव आज़ादी का संघर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आजादी का अमृत महोत्सव गोरखपुर की आजादी संघर्षमें भूमिका एव महत्व---गोरखपुर का अतीत वर्तमान भूगोल एव इतिहास आईने में---- गोरखपुर में आजादी के संघर्ष के दौरान बस्ती ,देवरिया, आजमगढ़ ए...

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भग्यवान कृष्ण महारथी कर्ण एव सूफी संत कबीर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगवान कृष्ण महारथी कर्ण एवं सूफी संत कबीर -सूफी संत कबीर संत परम्परा के ऐसी कड़ी जो निराकार ब्रह्म को ब्रह्मांडीय कल्पना का सत्त्यार्थ बताते है जबकी उनकी मान्यताओं का आधार भगवत गीता...

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कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कृष्ण काव्य धारा एवं हिन्दी साहित्य -लीला रूप सौंदर्य और प्रेम का जैसा चित्रण किया है कृष्ण काव्य का सर्वश्रेष्ठ सृजन शील स्वर सुर दास जी है ।सरस संगीत और गीतात्मक सौंदर्य के साथ क...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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જિંદગીની રમત ( મોબાઈલ) By Sneha Makvana

માણસને માણસ સાથે ફાવતું નથી અને માણસવિના ગમતું પણ નથી. આપણે સૌ ખરેખર કેવા વિરોધભાસ માંથી પસાર થતા હોઈએ છીએ. ક્યારેક એમ થાય કે એકાંત જોઈએ છે. તો ક્યારેક એમ થાય કે લોકો નો સંગાથ જોઈએ...

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સર્જક સાહિત્ય અંતતરંગ By Manjibhai Bavaliya મનરવ

ભાષા કાર એટલે વાણી અને શબ્દનો આરાધક તે તેની વાણી સદા અવિરત જન કલ્યાણ અર્થે સતત વહાવ્યાજ કરે ,કય પણ તેના એ નીજી સારસ્વત દેહથી .તેમના એ મુલ્યને સમજતા જણો એ તેમનો મુખ્ય આધાર રુપ હોય છ...

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गप्पा By Kalyani Deshpande

गप्पा कोणालाही कोणत्याही वयात कोणत्याही विषयावर करायला आवडतात,सगळे परिचित एकत्र जमले की क्षणात गप्पा सुरु होतात. लहानपणी खेळाच्या मैदानात मारलेल्या गप्पा, बगिच्यात खेळताना मारलेल्य...

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मृगजळ By Kalyani Deshpande

मृगजळाचे उदाहरण द्यायचे झाले तर या जगा पेक्षा उत्तम उदाहरण होऊच शकत नाही. मृगजळ म्हणजे आभासी पाणी जे वाळवंटात दिसते आणि ज्याला भुलून तृष्णेने व्याकुळ झालेले लोकं,पशु,हरणं त्याच्या...

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अध्यात्म By Kalyani Deshpande

अध्यात्म म्हणजे काय? अध्यात्म म्हणजे आत्म्याचा अभ्यास,अध्ययन करण्याचे शास्त्र. मी म्हणजे हे नश्वर शरीर नसून,मी म्हणजे आत्मा आहे असं शिकविणारे शास्त्र. दैनंदिन जीवनात आपण म्हणतो माझ...

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दृढ इच्छाशक्ती By Kalyani Deshpande

दृढ इच्छाशक्ती म्हणजे कुठलेही ध्येय गाठण्याची तीव्र इच्छा आणि त्यासोबत केलेली प्रयत्नांची पराकाष्ठा. मी अमुक अमुक होणारच, मी ह्या संकटातून सही सलामत सुटणारच, मी माझ्या आजारावर विजय...

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लग्न By Kalyani Deshpande

लग्न ही अशी गोष्ट आहे, जी करणारा ही पस्तावतो आणि न करणाराही पस्तावतो. लग्न केल्यावर बऱ्याच जणांना वाटते की आपण लग्नाची उगीच घाई केली,थोड थांबलो असतो तर बरं झालं असतं.आणि ज्याच लग्न...

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माझी मराठी By Kalyani Deshpande

माझी मराठी**********'माझा मराठीची बोलू कौतुके। परि अमृतातेहि पैजा जिंके।' ही ओवी ज्ञानेश्वरीत संत ज्ञानेश्वर महाराजांनी लिहिलेली आहे. त्याचा अर्थ असा आहे की माझ्या मराठीचे...

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अनुपयोगी पदार्थो की बढ़ती समस्या By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी इन दिनों विश्व भर में अनुपयोगी पदार्थों की समस्या तेजी से बढ़ रही है । इन अपशिष्ट पदार्थों में दूषित जल, हवा, प्लास्टिक व इनसे बने उपकरण, धातुगत अपशिष्ट पदार्थ, उर्बरक...

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સ્ત્રી ભણેલી સારી કે અભણ???? By Chandni Virani Vasoya

સ્ત્રી ભણેલી સારી કે અભણ????ઉપરનું પહેલું વાક્ય વાંચીને જ તમે કદાચ 2 શબ્દ ખરાબ કહી દિધા હશે કા પછી મોઢાના હાવભાવ બગડી ગયા હશે. હું પણ તમારી જેમ સ્ત્રી છું અને કોઈ મને આવું કહે તો મ...

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Semitic Censure Of Sanatana Dharma, Or The Pot Calling The Kettle Black By BS Murthy

Semitic Censure Of Sanatana Dharma, Or The Pot Calling The Kettle Black By BS Murthy Unmindful of the old adage, when you point a finger at someone else, there are three pointing b...

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Basic Structure of the Indian Constitution By BS Murthy

Basic Structure of the Indian Constitution - The Case of a Square Peg in the Round Hole  By BS Murthy When Hindustan was partitioned on the basis of the Hindu-Muslim religious...

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एक देश-एक चुनाव By Arya Tiwari

एक देश-एक चुनाव समय की मांग केंद्र सरकार ने एक देश - एक चुनाव की परिकल्‍पना को मूर्त रूप देने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम बढ़ा़या है। इसके लिए समिति का गठन कर पूर्व राष्‍ट्रपति श्र...

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Bhout Naath By Mehdi Alam

আমি বললাম— কেন পারবি না?ও বললো— জানি না…।আমি বললাম— তার মানে তুই বিয়েই করবি না?ও আমার মাথা ওর কোল থেকে তুলে দিলো… তারপর উল্টা দিকে মুখ ঘুরিয়ে বললো— কখনোই করবো না… না মানে না!!এই সু...

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