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Reading stories is a greatest experience, that introduces you to the world of new thoughts and imagination. It introduces you to the characters that can inspire you in your life. The stories on Matrubharti are published by independent authors having beautiful and creative thoughts with an exceptional capability to tell a story for online readers.
अध्याय 1:पहली मुलाक़ात सुबह की ठंडी हवा, कॉलेज कैंपस की हलचल और पेड़ों पर बैठे प...
जगमोहन शर्मा ( अविस्मरणीय)कोई व्यक्ति विशेष किसी व्यक्ति विशेष के लिए अच्छा भी ह...
Ep1 – अनकही शुरुआतशहर के शोर-गुल से दूर, समंदर किनारे बसे छोटे से टाउन में कियार...
Episode 2: पहली हत्या और पहला clueसुबह का सूरज धुंध को धीरे-धीरे चीर रहा था। रात...
1ज़िंदगी सफ़र...अहमदाबाद के थलतेज इलाके में स्थित एक शानदार कॉफी शॉप। 28 मार्च,...
मेरे विचार से दुःख क्या है? दुख एक ऐसा अनुभव है जिससे कोई नहीं बचता, लेकिन हर को...
कभी-कभी ज़िंदगी में कोई ऐसा मोड़ आता है जहाँ सबकुछ पहले जैसा रहते हुए भी अचानक अ...
सुबह का समय था जब खिड़की से छन कर आती धूप उस लड़के के नंगे जिस्म पर पड़ रही थी।...
(बचपन की तन्हाई)मैं आज आप सब के सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूं जो भी...
“सैयारा का तैयारा” (व्यंग्य) “ सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई देखूं तो एक...
धूप का हल्का पीला रंग खेतों की मेड़ों पर फैल रहा था। कहीं दूर एक बच्ची मिट्टी से सनी किताब लेकर भागती हुई आ रही थी। उसके नंगे पाँवों से धूल उड़ रही थी, चेहरे पर मासूम पसीना, मगर आँ...
एपिसोड 54 — “जिन छायाओं में मेरा नाम लिखा था”(सीरीज़: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. आधी रात का पहला सवालनेहा उस रात बिल्कुल नहीं सो पाई।आसमान में बादल चल भी रहे थेऔर रुक...
जयकिशनलेखक राज फुलवरेप्रस्तावनाएक शांत और सुंदर गाँव था—निरभ्रपुर। गाँव छोटा था, लेकिन यहाँ के लोगों के दिल बहुत बड़े थे। इसी गाँव में दो मित्र रहते थे—जय और किशन।दोनों का परिवार,...
महाभारत की कहानी - भाग-१६२ अष्टादश दिन के युद्ध में शल्य, उलूक और शकुनि वध प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने महाकाव्य महाभारत रचना किया। इस पुस्तक में उन्होंने कुरु वंश के प्र...
सर्जा राजा – भाग 2(नया घर, नया परिवार, पहली आरती और पहला भरोसा)लेखक राज फुलवरेअध्याय 6 – हिम्मतराव के घर की दहलीज़जैसे-जैसे शाम ढल रही थी,आसमान लाल-नारंगी रंगों से भर रहा था।हल्की-...
दूसरा चेहरालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चकाचौंध भरी शामें हमेशा धोखा देती हैं। नेहरू प्लेस की ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच जब सूरज डूबता है, तो लगता है जैसे सोने की परत चढ़ी हुई दीवारें...
अध्याय 11, XI1 उन पुरूषों ने मुझे पकड़ लिया, और चौथे स्वर्ग पर ले गए, और मुझे सब क्रमिक मार्ग, और सूर्य और चन्द्रमा की सारी किरणें दिखाईं। 2 और मैं ने उनकी गति मापी, और उनकी रोशनी...
अशोक कहता है ----->" ये पैरो मे चोट और कल तुम कहां गयी थी , दामाद जी से पूछा तो उन्होने कहा के तुम अपने दोस्तो के साथ बाहर गयी हो । पर मैं जानता हूँ के तुम्हारे ऐसे कोई दोस्त है ही...
विरोधापभाष कम होता प्रतीत नहीं हो रहा था, बल्कि बढ़ता ही जा रहा था। बाहर का विरोधाभाष होता तो स्नेहा उन बातों पर बिल्कूल भी ध्यान नहीं देती और खुद को एक कमरे में बंद करके अपने का...
[23]“शैल जी, मृतदेह के विषय में कुछ ज्ञात हुआ क्या?”“क्या ज्ञात करना चाहती हो?”“यही कि वह व्यक्ति कौन थी? किस देश परदेश की थी? क्या आयु होगी? आदि।”“आयु का भी अनुमान नहीं लगा सका पो...
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