साध्वी

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क्या होता है जब मोहब्बत को बेकार कहने वालों को खुद ही मोहब्बत हो जाती है. जो सारे जमाने के सामने इसे बेशर्मी और संस्कृति का हनन बोलते हैं उन्हें ही मोहब्बत हो जाती है. जो साध्वी प्रेमियों की दुश्मन थी उसे भी किसी से मोहब्बत हो गयी.