यह कहानी प्रतियोगिता के लिए है । शौचालयों की समस्या पर लिखी गई यह कहानी सोचने मजबूर करती है खासकर महिलाओं को जिनके पास अति आधुनिक शौचालय हैं पर उनके बारे में सोचिये जिनके पास शौचालय नहीं है