नैंसी के नौ साल

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हमारे समाज में आज भी बहुत से लोग पुरुषों के वर्चस्व को बनाए रखने की मानसिकता से मुक्त नहीं हुए हैं । ऐसे लोग पवित्रतावादी आड़ लेकर मातृशक्ति की प्रकृति और संवेदना का कितना दमन करते हैं किस प्रकार पूर्व पूर्व नियोजित षड्यंत्र करके उसका भावात्मक शोषण करते हैं उसके मातृत्व-अधिकार का हनन करके उसको लांछित करते हैं, यही इस कहानी नैंसी के नौ साल की मूल संवेदना है । किंतु आज की शिक्षित नारी शक्ति अपने कर्तव्यों के साथ-साथ अपने अधिकारों के प्रति सजग है वह अपनी शक्ति और सीमाओं से भली-भांति परिचित है । कहानी की नायिका नैंसी ऐसी शिक्षित नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है ।