इत्र के शहर वाली लड़की

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मैंने सदा हिफाजत की जिस फूल की उसने मुझे कांटो का नाम दे दिया। अरे वाह , आज तो आपने इतनी खूबसूरत शायरी लिख डाली। जिया पढ़ेगी ,तो कितनी खुश होगी। सच , आप ये जिया को पढ़ाओगी। कबीर की आंखों में एक चमक को देखते हुए डॉ सिया ने कहा बिल्कुल सुनते ही कबीर किसी बच्चे की तरह अपने बेड पर नाचने लगा। डॉ सिया अच्छे से जानती थी कि जिया ही वह शब्द है जिससे कबीर को कंट्रोल किया जा सकता है। डॉ सिया ने उसकी आज की दवाएं खिलाकर सुला दिया। जिया , खुशनसीब है या बदनसीब। इतना प्यार करने वाला प्रेमी होकर भी पता नही कहाँ भटक रही होगी , अगर इसका ये हाल है तो उसका क्या हाल होगा