पहचान

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पहचान राजेश झरपुरे जब सुरेश मास्साब बस में चढ़े तो ड्राइविंग सीट पर मरियल सा आदमी बैठा दिखा। हालाँकि रोज़ कोई और उस सीट पर बैठा होता। वे उसे अच्छी तरह जानते थे। उसका नाम भूरा है। वह बस का नियमित ड्राइवर है। आज नहीं आया होगा। सोचकर उन्होंने उधर से निगाह हटा ली अन्यथा नमस्ते करने की बनती थी, जैसा सोचकर ही उनकी दृष्टि वहाँ गई थी। कन्डक्टर बस के दरवाज़े पर खड़ा सवारी की प्रतीक्षा कर रहा था। वह थोड़ा खुश हुआ पर चन्द निमेष में पुनः परेशान दिखने लगा। उसकी बेचैनी चेहरे पर स्पष्ट झलक रही थी। बस