इसका फैसला बाकी मित्रों ने दोनों के नाम की पर्ची डाल कर किया और पर्ची विनोद से ही उठवाई, पर्ची खोली तो उसमे रिया का नाम आया, अब रिया खुश होकर अपनी मर्जी से नरेंद्र के पास से उठकर विनोद के पास जा बैठी।